संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत को अमेरिकी वीजा नहीं : व्हाइट हाउस

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत को अमेरिकी वीजा नहीं : व्हाइट हाउस

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत को अमेरिकी वीजा नहीं : व्हाइट हाउसवॉशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नवनियुक्त राजदूत हामिद अबाउतलेबी को वीजा जारी नहीं करेगा। अबाउतलेबी का संबंध 1979 के बंधक संकट से बताया जाता है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे. कार्नी ने संवाददाताओं को बताया, ‘हमने संयुक्त राष्ट्र और ईरान को सूचित किया है कि हम अबाउतलेबी को वीजा जारी नहीं करेंगे।’ कार्नी के इस बयान से पहले कांग्रेस ने अबाउतलेबी को अमेरिका आने से रोकने के लिए आम सहमति से एक विधेयक पारित किया।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा, ‘जिस इरादे से विधेयक पारित किया गया है उससे निश्चित रूप से हम सहमत हैं क्योंकि हमने संयुक्त राष्ट्र और ईरान से पहले ही कह दिया है कि हम वीजा जारी नहीं करेंगे। हम विधेयक की समीक्षा करेंगे। इसकी उपयोगिता और संवैधानिकता से जुड़े हर मुद्दे के लिए हम काम करेंगे।’ यह विधेयक 1990 के एक कानून से संबंधित है जिसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने चिंता जताते हुए एक हस्ताक्षरित बयान जारी किया था।

कार्नी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमने ईरानियों को और संयुक्त राष्ट्र को अपने विचारों से सीधे अवगत करा दिया है। विधेयक में चिंता व्यक्त की गई है और आज हमने भी इस बारे में बातचीत की है।’ ईरान ने अमेरिका के पूर्व में दिए गए बयान को अस्वीकार्य बताया था। अमेरिका के बयान में कहा गया था कि अबाउतलेबी का नामांकन ‘उचित नहीं’ है।

संयुक्त राष्ट्र की मेजबान सकार होने के नाते आम तौर पर अमेरिका कुछ अपवादों को छोड़ कर, उन राजनयिकों को वीजा जारी करता है जो संयुक्त राष्ट्र में अपनी सेवाएं देते हैं। वर्ष 1979 के बंधक संकट के दौरान 52 अमेरिकियों को तेहरान में 444 दिन तक बंधक बना कर रखा गया था। (एजेंसी)

First Published: Saturday, April 12, 2014, 10:23

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