Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 19:41

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश विभाग ने एक तरफ दावा किया है कि उसने सितंबर में भारतीय दूतावास को देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। दूसरी ओर अमेरिकी दावे के विपरीत भारतीय दूतावास के अधिकारियों का कहना है कि उस समय हुआ पत्राचार देवयानी की गुमशुदा नौकरानी के बारे में था।
भारतीय दूतावास का आरोप है कि यहां नियुक्त भारतीय उप महावाणिज्य दूत देवयानी की गुमशुदा गृह सहायिका देवयानी को ब्लैकमेल कर रही थी। भारतीय दूतावास ने अमेरिकी और भारतीय कानूनों का उल्लंघन किए जाने के कारण खोबरागड़े की नौकरानी को गिरफ्तार किए जाने की मांग भी की।
अधिकारियों ने बताया कि वास्तव में यहां स्थित भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में स्थित भारतीय विदेश मंत्रालय जून से ही अमेरिकी विदेश विभाग एवं नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास से खोबरागड़े की नौकरानी संगीता रिचर्ड का मुद्दा उठाता आ रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा चार सितंबर को भारतीय दूतावास को भेजे गए पत्र में खोबरागड़े की नौकरानी द्वारा लगाए गए अपने रोजगार की शर्तो का उल्लंघन करने के आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया था। पत्र में जांच के बाद दूतावास से जांच रिपोर्ट भी मांगी गई थी। इस पत्र के जवाब में नई दिल्ली और वाशिंगटन में स्थित भारतीय पक्षों ने इस संदर्भ में जून, 2013 में अमेरिका से किए गए निवेदन को दोबारा भेज दिया।
बाद में हालांकि रिचर्ड ने 19 जुलाई को खुद ही अपनी याचिका वापस ले ली थी। तब अमेरिकी विदेश विभाग ने रिचर्ड का पता लगाने और उसे वापस भारत भेजने के लिए भारतीय दूतावास से मदद मांगी थी। नई दिल्ली स्थित दक्षिण जिले के महानगर दंडाधिकारी ने 19 नवंबर को रिचर्ड के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। इस गिरफ्तारी वारंट को छह दिसंबर को अमेरिकी विदेश विभाग और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास भेज दिया गया, और निवेदन किया गया कि अमेरिका में संबंधित अधिकारियों को रिचर्ड को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया जाए तथा न्यूयार्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास के जरिए उसे भारत वापस भेजा जाए।
अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास का कहना है कि अमेरिका की तरफ से इन पत्राचारों का कोई जवाब नहीं दिया गया, और उल्टे खोबरागड़े को 12 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मारी हार्फ हालांकि अभी भी इस बात पर अडिग हैं कि खोबरागड़े की गिरफ्तारी अचानक नहीं की गई, तथा इसके बारे में भारतीय दूतावास को चार सितंबर को सूचित कर दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 19:41