Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 16:37
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सकते में आई दूरसंचार कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे इस मामले में पुनरीक्षा याचिका दायर कर सकती हैं। न्यायालय ने 2008 में जारी 122 दूरसंचार लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर इन कंपनियों ने आश्चर्य व्यक्त किया है।
जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं, उनमें यूनिनार (यूनिटेक और नार्वे की टेलीनार का संयुक्त उद्यम), सिस्तेमा श्याम (श्याम टेलीकाम और रूस की सिस्तेमा का संयुक्त उद्यम), वीडियोकान, लूप टेलीकाम, आइडिया सेल्यूलर, एतिसलात डीबी (डीबी रीयल्टी और संयुक्त अरब अमीरात की एतिसलात की संयुक्त उद्यम इकाई) शामिल हैं।
सिस्तेमा-श्याम एमटीएस ब्रांड के तहत जबकि यूनिटेक-टेलीनार संयुक्त उद्यम यूनिनार ब्रांड के तहत दूरसंचार सेवा प्रदान करती है। इन कंपनियों ने देश भर में अपनी सेवा मुहैया कराने के लिए भारी निवेश किया है।
एसएसटीएल ने एक बयान में कहा कि सिस्तेमा-श्याम अभी भी फैसले की पूरी प्रति का इंतजार कर रही है। कानून का पालन करने वाली कंपनी के तौर पर वह कहना चाहेगी कि उसके पास उपलब्ध न्यायिक समाधानों के जरिए अपने हितों की रक्षा का अधिकार है।
यूनिनार ने इस फैसले पर अचंभा जाहिर करते हुए कहा कि हमें उस गलती की सजा मिली है जो शीर्ष अदालत ने सरकारी प्रक्रिया में पायी है।’’ तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने जनवरी 2008 में 1,651 करोड़ रुपए में 2जी स्पेक्ट्रम के साथ नए लाइसेंस जारी किये थे। सरकारी लेखा परीक्षक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा था कि इससे सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
अनुमान है कि इन लाइसेंस के रद्द होने से करीब 500 मेगाहर्ट्ज का 2जी स्पेक्ट्रम खाली होगा जिसकी नीलामी सरकार कर सकती है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 2, 2012, 22:07