Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 21:54
नई दिल्ली : मंत्रियों के एक समूह ने 348 जरूरी दवाओं को सरकारी नियंत्रण में लाने को आज मंजूरी दे दी। इस कदम से इन दवाओं की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। फिलहाल सरकार राष्ट्रीय औषधि कीमत प्राधिकरण :एनपीपीए: के जरिये 74 दवाओं की कीमत नियंत्रण करती है।
कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता वाला मंत्री स्तरीय समूह ने यह प्रस्ताव समेत कीमत नीति को आज मंजूरी दे दी। मंत्री समूह दवाओं को अनिवार्य औषधियों की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में शामिल करने के लिए एक सप्ताह के भीतर अपनी सिफारिशें मंत्रिमंडल को भेजेगा। इन दवाओं की कुल बिक्री करीब 29,000 करोड़ रुपये की है जो घरेलू बाजार का 60 प्रतिशत है।
बैठक के बाद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने आज हर चीज को अंतिम रूप दे दिया। अब यह मंत्रिमंडल के पास जाएगा और मंत्रिमंडल इस पर अंतिम निर्णय करेगा। इसे एक सप्ताह के भीतर भेजा जाएगा।’ मंत्री समूह में शामिल उर्वरक एवं रसायन मंत्री श्रीकांत जेना ने कहा कि इन दवाओं की कीमत निर्धारण के फार्मूले को लेकर आम सहमति है। यह पूछे जाने पर कि क्या डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाओं को लिखना अनिवार्य होगा, जेना ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर गौर करेगा..देश में और जेनेरिक दवाओं की दुकानें खुलेंगी।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 21:54