Last Updated: Friday, August 30, 2013, 09:50

नई दिल्ली : घरेलू रसोई गैस की सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में डालने की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना को 20 जिलों में सफलतापूर्वक लागू करने के बाद सरकार इसका दायरा बढ़ाकर एक जनवरी तक इसमें 269 जिलों को शामिल करेगी। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया, 20 जिलों में मिले अनुभवों के आधार पर हमने एलपीजी के लिए डीबीटी को 269 जिलों में लागू करने का निर्णय किया है। योजना के तहत, एलपीजी की बुकिंग के समय 435 रुपये उपभोक्ताओं के खाते में डाले जाते हैं और फिर उपभोक्ता बाजार मूल्य पर एलपीजी की खरीद करता है। सरकार को देशभर में यह योजना लागू होने पर सालाना 9,000 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कहा, एक जनवरी तक, बड़ी तादाद में एलपीजी ग्राहक डीबीटी के दायरे में आ जाएंगे। उन्हें एक महीने अग्रिम में उनकी सब्सिडी मिल जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि यह योजना सितंबर और जनवरी के बीच हर महीने के प्रथम दिन शुरू की जाएगी। एक सितंबर से शुरू हो रहे प्रथम चरण में इसे 34 जिलों में पेश किया जाएगा जिससे 1,47,54,303 उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। एक अक्टूबर को इसे 44 जिलों में पेश किया जाएगा और नवंबर में 46 जिलों में, दिसंबर में 40 जिलों में एवं जनवरी में 105 जिलों में पेश किया जाएगा।
चिदंबरम ने कहा, यह एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इनकी सूची पहले ही संबंधित बैंकों को भेजी जा चुकी है। सभी बैंकों को उन जिलों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है जहां यह एक सितंबर और एक अक्टूबर को शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियों को भी उपभोक्ताओं के बैंक खाते खोलने की दिशा में मदद के लिए तत्पर रहने को कहा गया है। सब्सिडी उन उपभोक्ताओं को हस्तांतरित की जाएगी जिनके बैंक खाते आधार संख्या से जुड़े हैं। हालांकि उपभोक्ताओं को आधार संख्या हासिल करने व बैंक खाते खुलवाने के लिए तीन महीने की छूट अवधि दी जाएगी। चिदंबरम ने कहा, जिन लोगों के पास दो कनेक्शन हैं या फर्जी कनेक्शन हैं, वे बैंक खाते खुलवाने और आधार संख्या हासिल करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 09:50