Last Updated: Thursday, May 16, 2013, 19:16

नई दिल्ली : सरकारी उपक्रमों के उच्च पदों पर अधिक स्थिरता के उद्देश्य से एक मंत्रिसमूह ने अध्यक्षों को न्यूनतम तीन वर्ष का कार्यकाल प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। इसका संबंध सेवा निवृत्ति की तिथि से नहीं होगा। फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सभी निदेशक और अध्यक्ष 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते हैं और माना जा रहा है कि इससे कुछ अधिकारियों के नीतियों में योगदान करने के लिए समय कम मिलता है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों के लिए तीन साल के तय कार्यकाल को मंजूरी दी है।’ उन्होंने कहा कि मंत्रिसमूह की सिफारिश अब मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में जाएगी।
इसका मतलब होगा कि सुधीर वासुदेव जैसे लोग जिन्हें अक्तूबर 2011 में 58 साल की उम्र में ओएनजीसी का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है वे सेवानिवृत्ति के बाद भी अगले साल फरवरी तक कंपनी के प्रमुख बने रहेंगे। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का कार्यकाल सुनिश्चित करने का प्रस्ताव सेल के पूर्व अध्यक्ष एस के रूंगटा की अध्यक्षता वाली सरकारी समिति के सुझावों का हिस्सा है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 16, 2013, 19:06