S&P ने की भारत की रेटिंग निगेटिव, साख गिरी - Zee News हिंदी

S&P ने की भारत की रेटिंग निगेटिव, साख गिरी



नई दिल्ली: वैश्विक साख निर्धारण एजेंसी स्टैण्डर्ड एण्ड पूअर्स (एस एण्ड पी) ने आज भारत की रेटिंग घटाकर नकारात्मक कर दी और अगले दो साल में राजकोषीय स्थिति तथा राजनीतिक परिदृश्य में सुधार नहीं हुआ तो इसे और कम करने की चेतावनी दी है।

 

एस एण्ड पी ने भारत का वित्तीय परिदृश्य बीबीबी प्लस (स्थिर) से घटाकर बीबीबी नकारात्मक (स्थिर नहीं) कर दिया। रेटिंग कम होने से भारतीय कंपनियों के लिये विदेशों से वाणिज्यिक ऋण जुटाना अधिक खर्चीला हो जायेगा। पूंजी बाजार पर भी इसका असर होगा।

 

एसएण्डपी के क्रेडिट विश्लेषक ताकाहीरा आगावा ने एक वक्तव्य में कहा ‘आर्थिक परिदृश्य में बदलाव के पीछे तीन में से एक की संभावना की हमारी सोच ने काम किया है। इसमें यदि बाह्य मोर्चे पर स्थिति लगातार बिगड़ती है, आर्थिक वृद्धि की संभावनायें समाप्त होतीं हैं अथवा कमजोर राजनीतिक समन्वय में वित्तीय सुधारों के मोर्चे पर स्थिति ढीली बनी रहती है।’ एस एण्ड पी की बीबीबी नकारात्मक निवेश के मामले में सबसे निचली रेटिंग है। एसएमसी ग्लोबल सिक्युरिटीज के अनुसंधान रणनीतिक प्रमुख एम जगन्नाथम थुनुंगुटला ने इस पर टिप्पणी करते हुये कहा ‘भारत की यह नई साख रेटिंग जंक बॉंड रेटिंग के दर्जे से मात्र एक कदम दूर है। हमें लगता है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की कहानी अब समाप्ति के नजदीक है।’

 

रेटिंग एजेंसी ने आगे कहा है भारत की नकारात्मक रेटिंग परिदृश्य अगले 24 महीने के दौरान और कम हो सकता है। एजेंसी ने कहा है ‘यदि भारत के आर्थिक परिदृश्य में सुधार नहीं होता है, विदेशी मोर्चे पर स्थिति और बिगड़ती है और यदि यहां राजनीतिक परिवेश बिगड़ता है तथा राजकोषीय सुधारों की गति धीमी पड़ती है, तो रेटिंग और कम हो सकती है।’ लेकिन, अगर सरकार वित्तीय घाटे में कमी लाने के लिए कदम उठाती है तो रेटिंग सुधारी जा सकती है। एसएंडपी का मानना है कि वित्त वर्ष 2013 में जीडीपी दर 5.3 फीसदी रह सकती है।

 

वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की 21 भारतीय कंपनियों के साख परिदृश्य (रेटिंग आउटलुक) में कमी की। जिन भारतीय कंपनियों के रेटिंग आउटलुक में कमी की गई है उनमें एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, एनटीपीसी, आईआईएफसीएल, सेल, टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो शामिल हैं। इन कंपनियों के रेटिंग आउटलुक को स्थिर से बदलकर नकारात्मक किया गया है। स्टेंडर्ड एंड पुअर्स यानी एसएंडपी ने इससे पहले राजकोषीय खस्ताहाली और खराब होते आर्थिक संकेतकों के मद्देनजर भारत के आर्थिक परिदृश्य में बदलाव करने की घोषणा की थी।

 

एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक आफ इंडिया (एक्जिम बैंक) और इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फिनांस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) के अलावा एसएंडपी ने भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) और बिजली वित्त निगम (पीएफसी) की रेटिंग कम की है। एसएंडपी ने एक बयान में कहा कि एनटीपीसी, एनएचपीसी और सेल की रेटिंग मुख्य तौर पर सावरेन रेटिंग से प्रभावित है क्योंकि वित्तीय मुश्किल की स्थिति में इन इकाइयों में सरकार का हस्तक्षेप हो सकता है।

 

वहीं, वित्त मंत्रालय का कहना है कि एसएंडपी ने आउटलुक घटाया नहीं है, बल्कि संशोधन किया है। जबकि ज्यादातर देशों की रेटिंग घटाई जा चुकी है। इस खबर के बाद भारतीय शेयर बाजार बुरी तरह गिर गए है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने हाल में एस एण्ड पी के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में भारत की रेटिंग बढ़ाने पर जोर दिया था, लेकिन इसके बावजूद एजेंसी ने रेटिंग परिदृश्य घटा दिया।  हालांकि, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने एस एण्ड पी की रेटिंग कम करने के फैसले पर तुरंत दी गई अपनी प्रतिक्रिया में कहा ‘इसमें घबराने की कोई बात नहीं, हमें पूरा विश्वास है कि इन समस्याओं से पार पा लेंगे।’ उन्होंने कहा कि बजट में अनुमानित आर्थिक वृद्धि को हासिल कर लिया जाएगा।

First Published: Thursday, April 26, 2012, 09:20

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