
ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को वर्ष 2012-13 के लिए आम बजट संसद में पेश किया। बढ़ते सब्सिडी बोझ से खस्ताहाल सरकारी खजाने के हालात संभालने के प्रयास में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को उत्पाद एवं सेवाकर की दरों में दो फीसदी वृद्धि कर 45,940 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का इंतजाम कर लिया जबकि दो लाख रुपये की सालाना आय को कर मुक्त कर आम नौकरी पेशा वर्ग को मामूली राहत दी है। हालांकि इस बजट से अधिकांश वस्तुएं महंगी हो गई।
वहीं, वित्त वर्ष 2012-13 के लिए आयकर छूट सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है, जो मौजूदा वित्त वर्ष में एक लाख 80 हजार रुपये है। इससे इस श्रेणी के प्रत्येक करदाता को 2,000 रुपये तक की कर राहत मिलेगी। साथ ही कर दायरे में भी बदलाव किया गया है। 10 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 20 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव, जो पूर्व में आठ लाख रुपये तक की आय पर था। अगले वित्त वर्ष से दो लाख से पांच लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, पांच लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा। इसके अलावा पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को बचत बैंक खातों में जमा राशि पर मिलने वाले 10,000 रुपये तक के ब्याज पर भी कर नहीं देने का प्रस्ताव किया गया है। कॉरपोरेट टैक्स के स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को एडवांस टैक्स फाइल करने से छूट दे दी गई है।
लोकसभा में आज पेश वर्ष 2012.13 के बजट में वित्त मंत्री ने 17 वस्तुओं की निषेधात्मक सूची और कुछ सेवाओं को फिलहाल बाहर रखते हुए अन्य सभी सेवाओं को सेवाकर के दायरे में ले लिया। इसके साथ ही सेवाकर दर को भी मौजूदा 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। उत्पाद शुल्क की मानक दर भी दो प्रतिशत बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। अन्य दरों में भी वृद्धि की गई है। सेवाकर वृद्धि से सरकारी खजाने में जहां 18,660 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्ति होगी वहीं उत्पाद एवं सीमा शुल्क वृद्धि से 27,280 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। हालांकि, प्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में किए गए बदलाव से खजाने को 4,500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। राजस्व वृद्धि के बावजूद वर्ष 2012.13 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
विपक्ष ने बजट को महंगाई बढ़ाने वाला बताया है। विपक्ष का कहना है कि इससे महंगाई के बोझ तले दबे आम आदमी का बोझ और बढ़ जाएगा। हालांकि, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट को राजकोषीय मजबूती और आर्थिक वृद्धि बढ़ाने वाला बताया। उद्योग जगत ने भी बजट प्रस्तावों पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है और इसे महंगाई बढ़ाने वाला बताया है। प्रणब मुखर्जी ने काले धन के प्रसार और इसे गैर-कानूनी तरीके से भारत के बाहर ले जाने पर रोक लगाने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार करने का प्रस्ताव रखा है। मुखर्जी ने संसद के वर्तमान सत्र में काले धन पर एक श्वेत पत्र लाने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, आम बजट में सैन्य आधुनिकीकरण के लिए रखा खर्च में 17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इसे 1,93,407 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। रक्षा खर्च में यह वृद्धि ऐसे समय में हुई है, जब चीन ने अभी 10 दिन पहले अपने रक्षा बजट में 11.2 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक संकट का प्रभाव हमारे ऊपर पड़ा है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 2011-12 के दौरान 6.9 फीसदी आकलित की गई है, जबकि पिछले दो वित्तीय वर्ष के दौरान यह 8.4 फीसदी थी। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि यद्यपि भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी के विपरीत प्रभावों को कम करने में हम सक्षम रहे हैं। लेकिन इस वर्ष की वृद्धि दर निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार के मुहाने पर खड़ी है और कृषि एवं सेवा क्षेत्र संतोषजनक रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की अंतिम तिमाही के पूरे आंकड़े हमारे पास नहीं हैं। इस अवधि के उपलब्ध संकेतकों के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। कोयला, उर्वरक, सीमेंट एवं विद्युत क्षेत्रों से सुधार के संकेत मिले हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल से 12वीं पंचवर्षीय योजना शुरू हो जाएगी और इस दौरान सरकार पांच प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रीय करेगी। घरेलू मांग बढ़ाने के लिए नीतियां बनाना, -निजी निवेश में तीव्र वृद्धि सुनिश्चित करना, कृषि, ऊर्जा, यातायात, कोयला, विद्युत और राष्ट्रीय राजमार्गो के विकास के लिए बाधाएं दूर करना, कुपोषण से निपटना, निर्णयों के क्रियान्वयन, सेवा आपूर्ति एवं पारदर्शिता के साथ अच्छा प्रशासन और भ्रष्टाचार एवं कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए उपाय करना। बजट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं-

नया इनकम टैक्स स्लैब
-2 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं।
-2 से 5 लाख आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स।
-5 से 10 लाख आय पर 20 फीसदी टैक्स ।
-10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स।
-कॉरपोरट टैक्स में बदलाव नहीं।
-टीटीसी कोड इसी साल अगस्त से लागू होगा।
-शेयरों में निवेश पर मिलेगी छूट।

अप्रत्यक्ष कर
-मानक उत्पाद शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।
-मेरिट उत्पाद शुल्क 5 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी किया गया।
-न्यूनतम मेरिट दर 1 फीसदी से बढ़ाकर 2 फीसदी किया गया।
- कोयला, खाद, मोबाईल फोन और महंगे गहनों के लिए न्यूनतम मेरिट दर 1 फीसदी बरकरार।
- बड़ी कारों पर उत्पाद शुल्क 22 फीसदी से बढ़ाकर 24 फीसदी किया गया।
- गन्ना बोने की मशीन या कंद रोपने वाली मशीन, हर्वेस्टर, ट्रिलर पर सीमा शुल्क में 2.5 फीसदी की कटौती।
-कॉफी बागान और प्रसंस्करण मशीनरी पर सीमा शुल्क पर 5 फीसदी की कटौती।
- बागवानी और फूलों की खेती के लिए ग्रीन हाउस और संरक्षित खेती के लिए परियोजना आयात लाभ का विस्तार।
- यूरिया पर सीमा शुल्क में 2.5 फीसदी की कटौती।
-मैकेनाइज्ड हैंडलिंग सिस्टम और मंडियों में फूस के सिस्टम या बागवानी उपज के लिए गोदामों के लिए रियायती आयात शुल्क का विस्तार।
-उपकरणों के प्रारंभिक स्थापना या उर्वरक परियोजनाओं के विस्तार के लिए तीन साल के लिए आयात पूरी तरह से मुक्त।
-भाप कोयला पूरी तरह से मुक्त, प्राकृतिक गैस और द्रवरूप प्राकृतिक गैस पर दो साल के लिए रियायत 1% की सीवीडी।
-यूरेनियम प्राकृतिक और पुलेट में सिंटरेड यूरेनियम डाइऑक्साइड के रूप में मुक्त।
-खनन मशीनरी पर सीमा शुल्क में 2.5 फीसदी की कटौती।
-सड़क, टनल बोरिंग उपकरण पूरी तरह आयात शुल्क से मुक्त।
-विमान, परीक्षण उपकरण और टायर छूट के हिस्सों बिजली स्टील के निर्माण के लिए कोटिंग सामग्री पर सीमा शुल्क में 5 फीसदी की कटौती
-निकेल ओर और सांद्रता व निकेल ऑक्साइड/हाईड्रोऑक्साइड सीमा शुक्ल के दायरे से मुक्त।-
-गैर मिश्र धातु पर सीमा शुल्क 7.5 फीसदी।
-ऑटोमेटिक शटल लेस लूम्स पूरी तरह से मुक्त।
-ऑटोमेटिक सिल्क रिलींग और प्रोसेशिंग मशीन को भी पूरी तरह मुक्त किया गया।
-सेकेंड हैंड टेक्सटाइल मशीनरी पर बेसिक ड्यूटी 7.5 फीसदी।
-टाइटैनियम पर सीमा शुल्क 7.5 फीसदी कम।
-बुलेट प्रूफ हेलमेट के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला आर्मिड धागा और कपड़ा पूरी तरह से मुक्त।
-ब्रांडेड रेडीमेड गारमेंट्स पर सीमा कर 12 फीसदी बढ़ा।
-कबाड़ पेपर को मुक्त किया गया।
-LCD और LED टीवी कर सीमा शुल्क से पूरी तरह मुक्त।
-मेमोरी कार्ड और मोबाइल फोन को पूरी तरह सीमा से मुक्त किया गया।
-व्यस्क नैपकिन पर शुल्क में पांच फीसदी की छूट।
-साइकिल पर ड्यूटी में 30 फीसदी का इजाफा।
-साइकिल पार्ट्स की ड्यूटी में 20 फीसदी का इजाफा।
-हाथ से बने माचिस पर उत्पाद शुल्क 6 फीसदी हुआ।
-जीवनरक्षक दवाईयों, एड्स के टीके, कैंसर की दवाईयां पूरी तरह कर मुक्त।
-आयोडाइज्ड नमक पर उत्पाद शुल्क 2.5 फीसदी।
-प्रोबायोटिक पर कस्टम ड्यूटी में पांच फीसदी की कमी।
-सौर ऊर्जा के उपकरणों को पूरी तरह कर मुक्त किया गया।
-एलईडी लैंप पर उत्पाद शुल्क में 6 फीसदी कमी।
-हाइब्रिड व्हीकल बैटरी को कर मुक्त किया गया।
-गोल्ड बार, सोने के सिक्के पर 4 फीसदी उत्पाद शुल्क का इजाफा।
-प्लैटिनम पर उत्पाद शुल्क में 4 फीसदी का इजाफा।
-रिफाइंड गोल्ड के उत्पाद शुल्क में 3 फीसदी का इजाफा।
-पोलिश, कलर्ड रत्नों पर 2 फीसदी कर बढ़ा।
-सिगरेट पर उत्पाद शुल्क में 10 फीसदी इजाफा।
-हाथ से बनाई हुई बीड़ी पर उत्पाद शुल्क में प्रति हजार में 10 फीसदी इजाफा।
-मशीन से बनी बीड़ी पर उत्पाद शुल्क में प्रति हजार में 21 फीसदी का इजाफा।
-पान मसाला, गुटखा, तंबाकू ,जर्दा पर सेस 4500 रुपया प्रति मीट्रिक टन बढ़ाया गया।
-बड़ी कारों, स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल, एमयूवी गाडि़यों (40 हजार डॉलर से अधिक)पर उत्पाद शुल्क 60 से 75 फीसदी किया गया।
-बिना ब्रांड के आभूषणों पर उत्पाद शुल्क एक फीसदी बढ़ा। ब्रांडेड चांदी के आभूषण इस शुल्क से बाहर।
-कमर्शियल गाड़ियों की बॉडी पर 3 फीसदी का मूल्यानुसार दर बढ़ाया गया।

कर सुधार
-सर्विस टैक्स को 10 से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया।
-उच्च सेवा के लिए राजस्व में 186.6 अरब रुपये जोड़ कर
-नकारात्मक सूची को छोड़कर सभी सेवाओं में कर का प्रस्ताव
-इन क्षेत्रों को सर्विस टैक्स के दायरे से मुक्त रख गया है।
-सरकारी नौकरी, प्री स्कूल, स्कूल शिक्षा , मान्यता प्राप्त संस्थानों से उच्च शिक्षा और ,पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कृषि गतिविधि, पशुपालन, स्वास्थ्य,खिलाड़ियों, चैरिटी, धार्मिक व्यक्ति, कला और क्लासिकल डांस, स्वतंत्र पत्रकार, जानवरों से जुड़ी सेवाएं और कार पार्किंग।

राजकोषीय हालात और अनुमान
-राजकोषीय घाटा को कम करने की कोशिश
-(FRBM Act) के जरिए सुधार उपायों को लागू किया जाएगा।
-चालू खाते का घाटा सकल विकास दर (जीडीपी) का 3.6 प्रतिशत रहेगा।
-2012-13 में जीडीपी दर 7 . 6 प्रतिशत रहेगी।
-देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 फीसदी से बढ़कर 53.7 फीसदी हुआ।
-अगले तीन साल में केंद्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी।
-सुधारों की गति तेज करनी होगी। काले धन और भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटने के लिए आपूर्ति प्रणाली सुधारने के उद्देश्य से तेज गति से फैसले लेने होंगे।
-2012-13 में जीडीपी दर 7.6 फीसदी रहने कर अनुमान। इसमें 0.25 प्रतिशत की घट बढ़ हो सकती है।

मुद्रास्फिति
-मुद्रास्फीति चिंता का प्रमुख कारण रहा।
-नए वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति 1के उदारवादी होने की संभावना
-यह महंगाई स्थिर होने की शुरुआत है।

पांच चुनौतियों पर ध्यान
-घरेलू मांग से अभिप्रेरित विकास पुनरुत्थान पर ध्यान केंद्रित करना।
-निजी निवेश में उच्च वृद्धि के तीव्र पुनरुत्थान के लिए स्थितियां पैदा करना।
-कृषि, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों, खासक कोयला, विद्युत, राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और नागर विमानन में आपूर्ति संबंधी बाधाएं दूर करना।
-विशेष रूप से कुपोषण की समस्या से अत्यधिक ग्रस्त 200 जिलों में कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए निर्णायक उपाय करना।
-वितरण प्रणालियों, गवर्नेंस और पारदर्शिता में सुधार लाने और कालेधन तथा सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे निर्णयों के समन्वित कार्यान्वयन में तेजी लाना।

सब्सिडी यानी रियायत
-सब्सिडी का जीडीपी 2 फीसदी से नीचे रखने की कोशिश।
-तेल सब्सिडी में कटौती के संकेत
-सब्सिडी का लाभ सीधे ग्राहकों को मिले।
-सब्सिडी से सरकारी घाटा बढ़ा है।
-किराना कारोबार में 51 फीसदी विदेशी निवेश का लक्ष्य।
-50 जिलों में केरोसिन पर सीधे सब्सिडी।

विकास और विनिवेश
-पिछले साल सुधार की उम्मीद थी जो नहीं हुई।
-इस साल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
-हम अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
-2011-12 में जीडीपी 76 फीसदी जीडीपी का अनुमान
-अगले वर्ष 300 बिलियन उगाही की होगी कोशिश।
-कृषि, सर्विस सेक्टर में प्रदर्शन अच्छा।
-पिछले 2 वर्षों में औद्योगिक विकास में कमी।
-अब उद्योगों के हालात बेहतर।
-सर्विस सेक्टर में 9.4 फीसदी का ग्रोथ।
-उद्योग क्षेत्र में 3.9 फीसदी ग्रोथ।
-कृषि क्षेत्र में 2.5 फीसदी ग्रोथ।
-भारत अब भी बेहतर अर्थव्यवस्था के मामले में प्रमुख देशों की कतार में।

फाइनांस और बैंकिंग क्षेत्र
-50 अरब रुपये का निवेश सिडबी वेंचर फंड के जरिए।
-बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी की स्थापना।
-राष्ट्रीय आवास बैंक संशोधन विधेयक कदम।
-पीएसयू बैंकों के पूंजीकरण के लिए 158.88 अरब रुपये

खाद्य और कृषि
-कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर
-कृषि का बजट 18 फीसदी बढ़ा।
-कृषि का बजट 20,208 करो़ड़।
-विदर्भ में सिंचाई के लिए 300 करोड़।
-नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन का प्रस्ताव।
-कृषि कर्ज 1 लाख करोड़ बढ़ा।
-5 लाख 75 हजार करोड़ कृषि कर्ज दिया जाएगा।
-किसानों को समय पर कर्ज लौटने पर 3 फीसदी अधिक की छूट।
-एटीएम में भी चलेंगे किसान कार्ड।
-किसान क्रेडिट कार्ड को स्मार्ट कार्ड में बदलने का लक्ष्य।
-नाबार्ड ग्रामीण बैंकों को 100 बिलियन डॉलर का ऋण देगा।
-नाबार्ड एक्ट एमेंडमेंट बिल को लाया जाएगा।

ग्रामीण विकास
-250 मिलियन ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद के लिए।
-208.22 बिलियन ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए।
-120.4 पिछले क्षेत्र के विकास के लिए।
-50 बिलियन वेयरहाउस सुविधाओं के लिए।
-200 बिलियन ग्रामीण क्षेत्रे में विकास के लिए।
-240 बिलियन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए।
-140 बिलियन ग्रामीण के क्षेत्रों में पेयजल के लिए।
-पंचायत को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

बाल विकास और शिक्षा।
-बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना पर जोर
-इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्सिवस (ICDS) का पुनर्गठन होगा।
-13 वित्तीय वर्ष में इसपर 158.50 करोड़ आवंटित
-मध्याह्न भोजन योजना के लिए 119.37 अरब रुपये
-ऋण गारंटी निधि गरीब छात्रों के लिए प्रस्तावित
-माध्यमिक शिक्षा के लिए 31.24 अरब ।
-250 रुपये करोड़ इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट के लिए।
-केरल कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1 अरब रुपये।
-कृषि विज्ञान धारवाड़, कर्नाटक के विश्वविद्यालय के लिए 500 करोड़ रुपये।
-चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के लिए 500 करोड़ रुपये।
-उड़ीसा कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लिए 500 करोड़ रुपये।
-आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय के लिए हैदराबाद में 1 अरब रुपये।
-150 रुपये करोड़ नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनोमिक रिसर्च के लिए।
-100 रुपये करोड़ राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, अर्थशास्त्र, ईटानगर के विभाग के लिए।
-रुपये सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट गुलबर्गा के लिए 100 करोड़, पाली भाषा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना।

स्वास्थ्य
-देश में पोलियो का कोई भी मामला नहीं।
-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए अब 181.15 बिलियन से बढ़ाकर 208.22 बिलियन का प्रस्ताव
-राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन लॉन्च होगा।
-राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन का मकसद शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक चिकित्सा पर होगा।
-सात मेडिकल कॉलेजों का अपग्रेडेशन।

रोजगार एवं कौशल विकास
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का बजट बढ़ाकर 39 बिलियन रुपया
-महिलाओं का एसएचजी विकास फंड बढ़ाकर 30 बिलियन रुपया
-महिलाओं की एसएचजी के लिए 7% दर पर तीन लाख तक की लोन सहायता
-महिला एसएचजी को समय पर ऋण चुकाने में 3% फीसदी की छूट
-पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए 2012-13 में 12 बिलियन रुपये का आवंटन
-नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के तहत 10 बिलियन का आवंटन
-क्रेडिट गारंटी फंड का अलग से गठन

रक्षा एवं सुरक्षा
-रक्षा सेवाओं के लिए 1.93 ट्रिलियन रुपये का प्रावधान।
-सैन्य बलों के लिए आवासीय क्वार्टर बढ़ाने के उपाय।
-केंद्रीय सुरक्षा पुलिस बल के लिए 4000 आवासीय मकानों का निर्माण।
-27000 कर्मियों के लिए बैरक, बिल्डिंग, ऑफिस, जमीन अधिग्रहण के लिए 32.80 ट्रिलियन रुपये का प्रावधान।

कालाधन
-82 दोहरा कराधान समझौता
-17 कर सूचना आदान-प्रदान समझौता
-विदेशों में संपत्ति की बिक्री की अनिवार्य घोषणा
-संधि वाले देशों के साथ कर सूचना का तीव्र आदान-प्रदान के लिए समर्पित सूचना सेल
-कर संबंधी परस्पर प्रशासनिक सहायता और सीबीडीटी पर मल्टी कन्वेंशन में भारत 33वें
-संसद के मौजूदा सत्र में कालेधन पर श्वेतपत्र लाया जाएगा
-विदेशों में पकड़े गए संपत्ति के एसेसमेंट को खोलने पर अनुमति
-दो लाख से ज्यादा की ज्वैलरी की नकद खरीद पर टैक्स का प्रावधान
-चल संपत्ति के हस्तांतरण (कृषि भूमि के अलावा) पर स्रोत पर टैक्स कटौती
-आयरन ओर, लिग्नाइट और कोयला के व्यापार में स्रोत पर टैक्स का प्रावधान
-शेयर होल्डर्स से प्राप्त फंड को लेकर कंपनी के लिए प्रूफ मापदंडों में बढ़ोतरी
-गैर परिभाषित मुद्रा, क्रेडिट, निवेश, खर्च आदि पर कराधान, कर दायरे से अलग उच्च स्तर पर 30 फीसदी तक।

वर्ष 2012-13 के आम बजट के मुख्य बिंदुएं :
-देश को महंगाई से जूझना पड़ा।
-आर्थिक विकास में भारत अन्य के मुकाबले आगे।
-ऊंची ब्याज दर का असर पड़ा है।
-कच्चे तेल की कीमतें जापान में भूकंप की वजह से बढ़ी।
-कठोर फैसले लेने का वक्त।
-आर्थिक सुधारों में गति के लिए कठोर फैसले जरुरी।
-इस साल का प्रदर्शन निराशाजनक।
-निवेश बढ़ाना, घरेलू मांग बढ़ाना जरूरी।
-पांच चुनौतियों पर ध्यान दिया है।
-मनमोहन का मार्गदर्शन और सोनिया का समर्थन मिला।
-कर्ज महंगा होने से जीडीपी पर असर पड़ा।
-पिछले साल कर्ज महंगा हुआ, महंगाई भी बढ़ी।
-अंतरराष्ट्रीय व्यापार अच्छा रहा है।
-कृषि सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा ।
-महंगाई रोकने में कामयाबी मिली।
-निर्यात 22 फीसदी बढ़ाने पर जोर।
-आने वाले दिनों में महंगाई कम होगी।
-सब्सिडी से घाटा बढ़ा है।
-2012-13 में जीडीपी 7.6 फीसदी का अनुमान
-यूरोप संकट का भारत पर भी असर पड़ा।
-अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है।
-काले धन की समस्या पर ध्यान देने की जरूरत।
-अगले तीन साल में घाटा कम करने की कोशिश।
-30 हजार करोड़ विनिवेश का लक्ष्य।
-जीएसटी अगस्त 2012 से लागू होगा।
-शेयर बाजार में 50 हजार के निवेश पर 25 हजार की टैक्स छूट मिलेगी।
-पेंशन बिल, बैंकिंग बिल इसी सत्र में पेश होंगे।
-किराना कारोबार में 51 फीसदी विदेशी निवेश का लक्ष्य।
-50 जिलों में केरोसिन पर सीधे सब्सिडी।
-60 हजार करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड जारी होंगे।
-छोटे निवेशकों के लिए राजीव गांधी इक्विटी स्कीम।
-डीटीसी से टैक्स का बोझ कम होगा।
-खाद्य सुरक्षा कानून के लिए पैसा जुटाएंगे।
-8800 किलोमीटर हाईवे बनेंगे।
-टैक्स फ्री होंगे इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड।
-हवाई ईंधन सीधे विदेश से खरीदा जाएगा।
-सस्ते घरों के लिए ब्याज में 1 फीसदी छूट बरकरार।
-सस्ते मकान के लिए विदेशी कर्ज को मंजूरी।
-बिल्डर अब विदेश से कर्ज ले सकते हैं।
-मध्यम लघु उद्योग के लिए 5 हजार करोड़ का फंड।
-होम लोन पर एक फीसदी ब्याज की छूट जारी रहेगी।
-किसानों को समय पर कर्ज लौटने पर 3 फीसदी अधिक की छूट।
-एटीएम में भी चलेंगे किसान कार्ड।
-किसान क्रेडिट कार्ड को स्मार्ट कार्ड में बदलने का लक्ष्य।
-राज्य सरकारों के साथ राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन।
-अनाज रखने के लिए नए गोदाम बनाए जाएंगे।
-पीडीएस नेटवर्क इसी साल कंप्यूटर से जुड़ेगा।
-एससी-एसटी विकास योजनाओं में 18 फीसदी इजाफे का प्रस्ताव।
-नई सार्वजनिक वितरण प्रणाली बनेगी।
-गांवों में पेयजल योजना में 27 फीसदी की बढ़ोतरी।
-24 हजार करोड़ गांव में सड़क बनाने के लिए।
-छात्रों को लोने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड।
-ब्लॉक स्तर पर 60 हजार स्कूल।
-11937 करोड़ मिड डे मिल के लिए।
-NRHM में 20822 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
-मनरेगा का बजट 34 फीसदी बढाने का प्रस्ताव।
-शिक्षा अभियान के लिए 25,500 हजार करोड़ अतिरिक्त।
-7 मेडिकल कॉलेज एम्स की तर्ज पर विकसित होंगे।
-एजुकेशन लोन के लिए अलग फंड होगा।
-इंदिरा गांधी पेशन योजना 200 से बढ़ाकर 300 रुपये।
-इरमा को 25 करोड़ का फंड।
-रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ का बजट।
-अर्धसैनिक बलों के लिए 4 हजार मकान।
-काले धन पर श्वेत पत्र आएगा।
-इसी सत्र में काले धन पर श्वेत पत्र।
-काला धन वापस लाने के लिए 82 देशों से समझौते।
-आधार कार्ड बनाने का काम जारी रहेगा।
-7 लाख 71 हजार करोड़ टैक्स से जुटाए गए।
-अनुमान से 15 फीसदी ज्यादा टैक्स वसूला गया।
-डायरेक्ट टैक्स की वसूली लक्ष्य से कम।
-सरकार का घाटा लक्ष्य से 1.25 फीसदी ज्यादा।
-इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स में 32 हजार करोड़ कम आया।
-सरकार का घाटा 1,85,752 करोड़।
-आयकर छूट की सीमा दो लाख रुपये हुई।
-वरिष्ठ नागरिकों को एडवांस टैक्स फाइल करने से छूट।
-कुछ सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्स।
-सर्विस टैक्स में 2 फीसदी की बढ़ोतरी।
--सर्विस टैक्स, इक्साइज ड्यूटी में 2 फीसदी की बढ़ोतरी।
-सर्विस टैक्स 10 से बढ़कर 12 फीसदी हुआ।
-बड़ी कारें दो फीसदी महंगी हुई।
-रेस्टोरेंट में खाना महंगा हुआ।
-फोन बिल महंगा हुआ।
-हवाई सफर भी महंगा हुआ।
-टीवी, फ्रिज महंगा हुआ।
-एलसीडी,एलईडी सस्ते होंगे।
-विदेशी साइकिल महंगी, माचिस सस्ती।
-नमक सोया उत्पाद सस्ता हुआ।
-एलईडी लैंप, सौर ऊर्जा सस्ते हुए।
-सोना,डायमंड, और प्लेटिनम महंगा होगा।
-सिगरेट, बीड़ी महंगी हुई।
-पान मसाला, गुटखा महंगा होगा।
-एचआईवी और कैंसर की दवा सस्ती।
-सीमेंट महंगा हुआ।
-विदेशी गाड़ियां और महंगी हुई।
-सजना संवरना और होटल में रुकना महंगा हुआ।
First Published: Sunday, March 18, 2012, 15:46