`आरबीआई के फैसले से आर्थिक वृद्धि तेज होगी`

`आरबीआई के फैसले से आर्थिक वृद्धि तेज होगी`

नई दिल्ली : सुस्ती की मार झेल रहे भारतीय उद्योग जगत ने रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को पहले से सस्ती दर पर अल्पकालिक नकदी सुलभ कराने और उनके पास कर्ज देने के लिए अधिक अनुपात में नकदी मुक्त करने के रिजर्व बैंक के आज के नीतिगत कदमों का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।

रिजर्व बैंक ने रेपो दर में प्रति सैकड़ा 25 पैसे (0.25 प्रतिशत) की कमी कर दी है और आरक्षित नकदी अनुपात (सीआरआर) को भी 0.25 प्रतिशत कम कर दिया है। रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए नकदी सुलभ कराता है। रेपो दर अब आठ की जगह 7.25 प्रतिशत हो गई है। रेपो एक प्रतिशत के चौथाई अंश के बाराबर कमी से बैंकों का रिजर्व बैंक के नियंत्रण में पड़ा 18,000 करोड़ रुपए ऋण कारोबार के लिए मुक्त हो जाएगा।

रिजर्व बैंक के निर्णय पर उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने आगरा में कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है, इससे नकदी की स्थिति में सुधार होगा और आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी। जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी शेषागिरी राव ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में तथा औद्योगिक उत्पादन में गिरावट के मद्देनजर यह जरूरी था। ब्याज दरों में कटौती एक प्रोत्साहित करने वाला कदम है। खासकर ऐसे समय जबकि उंची ब्याज दरों की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित हो रही है।

उद्योग मंडल फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा कि उम्मीद है कि इससे औद्योगिक वृद्धि दर को सुधारने में मदद मिलेगी। किदवई ने कहा कि सीआरआर में कटौती से 18,000 करोड़ रुपये जारी होने से धन के प्रवाह की स्थिति सुधरेगी। एसोचैम के अध्यक्ष आरएन धूत ने कहा कि यह कटौती सही दिशा में उठाया गया कदम है। लेकिन इसका लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहिए। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए. शक्तिवेल ने कहा कि इससे निश्चित रूप से नकदी की सख्त स्थिति सुधर सकेगी। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, January 29, 2013, 16:02

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