Last Updated: Wednesday, May 23, 2012, 21:39
नई दिल्ली : उद्योग जगत ने पेट्रोल के दाम बढ़ाने की सरकार की पहल का स्वागत करते हुए डीजल, मिट्टी तेल और खाने पकाने की गैस के दाम भी नियंत्रणमुक्त करने की सरकार से मांग की है।
आर्थिक विशेषज्ञों ने डालर के समक्ष रुपए की घटती विनिमय दर को पेट्रोल मूल्य वृद्धि की बड़ी वजह बताया और कहा कि मूल्य वृद्धि पर इसका तुरंत तो असर होगा लेकिन दीर्घकाल में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। तेल कंपनियों ने अब तक की सबसे ऊंची वृद्धि करते हुए आज मध्यरात्रि से पेट्रोल के दाम 7.54 रुपये लीटर बढ़ा दिए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘पेट्रोल दाम में जो वृद्धि हुई है वह स्वागत योग्य है लेकिन इससे तेल कंपनियों को होने वाले नुकसान की आंशिक भरपाई ही होगी। तेल कंपनियों को मिट्टी तेल की बिक्री पर 31 रुपए, डीजल पर 13.64 रुपए लीटर और घरेलू गैस सिलेंडर पर 479 रुपए प्रति सिलेंडर का नुकसान हो रहा है। अब समय है कि सरकार को इन पेट्रोलियम पदार्थों के दाम भी बाजार पर छोड़ देने चाहिए।’
योजना आयोग में सदस्य अभिजीत सेन ने कहा, ‘इस मूल्य वृद्धि का मूल्यों पर तुरंत तो प्रभाव होगा, लेकिन यह एकबारगी समायोजन होगा, इसका असर बार-बार नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर इसका 0.5 प्रतिशत भी असर नहीं होगा, इसकी वजह हाल के दिनों में रुपए में आई गिरावट है।’
फिक्की ने कहा है कि मिट्टी तेल गरीबों का ईंधन है यह बात अब पूरी तरह वैध नहीं रह गई है क्योंकि अनुभव यह बताता है कि मिट्टी तेल का ज्यादा इस्तेमाल मिलावट में हो रहा है। उद्योग संगठन ने कहा, ‘पेट्रोलियम पदाथोर्ं के दाम तर्कसंगत बनाये जाने से उर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास हो सकेगा और इससे ईंधन बचत को भी प्रोत्साहन मिलेगा, सबसे बड़ी उपलब्धि यह होगी कि इससे राजकोषीय संतुलन बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’
फिक्की ने कहा है कि इस मूल्य वृद्धि का असर मुद्रास्फीति पर केवल एक बार पड़ेगा और इस तरह इसका असर ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा। उद्योग संगठन ने कहा कि रुपए की विनिमय दर में लगातार गिरावट को देखते हुए पेट्रोल मूल्यवृद्धि जरूरी हो गई थी। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पेट्रोल मूल्य वृद्धि का थोक मूल्य सूचकांक पर ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि सूचकांक में ज्यादा वजन नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 23, 2012, 21:39