Last Updated: Sunday, May 12, 2013, 15:53
नई दिल्ली : कर्मचारियों के चयन में गलती की बात की जाए, तो इस मामले में भारत दुनिया के चार प्रमुख देशों में आता है। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि किसी भारतीय कंपनी द्वारा एक गलत भर्ती का मतलब उसे 20 लाख रुपये का नुकसान होना है।
गलत नियुक्ति का फैसला करने की संभावनाओं के मामले में रूस सबसे आगे है। उसके बाद ब्राजील, चीन और भारत का नंबर आता है। इस सूची में अमेरिका पांचवें स्थान पर है। वैश्विक मानव संसाधन परामर्शक कंपनी करियर बिल्डर के एक सर्वेक्षण के अनुसार रूस की 88 प्रतिशत कंपनियों का कहना था कि पिछले साल गलत नियुक्ति से उन पर असर पड़ा। वहीं यही बात कहने वाली ब्राजील की कंपनियों की संख्या 87 प्रतिशत और भारत की 84 प्रतिशत थी। अमेरिका में गलत नियुक्ति की बात कहने वाली कंपनियों की संख्या कुछ कम यानी 66 प्रतिशत रही।
अध्ययन में कहा गया है कि प्रत्येक 10 में से तीन भारतीय कंपनियों (29 प्रतिशत) का कहना था कि उनके द्वारा की गई एक गलत नियुक्ति से कंपनी को औसतन 20 लाख रुपये (37,150 डालर) का बोझ या नुकसान झेलना पड़ा। ऐसे मामलों में कई बार किसी ऐसे उम्मीदवार की नियुक्ति की गई जो उस पद के अनुकूल नहीं था या फिर उस कर्मचारी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
वहीं दूसरी ओर 27 फीसदी अमेरिकी नियोक्ताओं ने कहा कि एक गलत नियुक्ति से उन्हें 50,000 डालर से अधिक का नुकसान हुआ। वैश्विक अध्ययन के अनुसार एक गलत आदमी के चयन का किसी कंपनी पर गंभीर असर पड़ता है। दुनिया की इन 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की 50 फीसद से अधिक कंपनियों का कहना है कि गलत नियुक्ति से उनके कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ता है। यह नुकसान राजस्व का हो सकता है या फिर उत्पादन का। इसके अलावा कर्मचारी के उत्साह या ग्राहक से संबंध आदि का हो सकता है।
करियरबिल्डर के सीईओ मैट फगरुसन ने कहा, ‘‘यदि आप बिक्री का मौका गंवाते हैं या फिर ग्राहक और कर्मचारी के रिश्ते खराब होते हैं, संभावित कानूनी पचड़ों में फंसते हैं, कर्मचारी को प्रशिक्षित करना पड़ता है, तो इन सब की लागत काफी उंची बैठती है।’’ सर्वेक्षण में कहा गया है कि ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) द्वारा पिछले साल गलत नियुक्ति का प्रभाव सबसे अधिक रहने का अनुमान है। गलत नियुक्ति की वजह से उत्पादकता नुकसान के मामले में चीन 57 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है। उसके बाद रूस (45 प्रतिशत) और भारत (42 प्रतिशत) का नंबर आता है। यह सर्वेक्षण करियर बिल्डर के लिए अनुसंधान कंपनी हैरिस इंटरैक्टिव ने आनलाइन किया। इसमें अमेरिका, ब्राजील, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, जापान, रूस और ब्रिटेन की कंपनियों को शामिल किया गया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 12, 2013, 15:53