Last Updated: Monday, August 19, 2013, 21:34

नई दिल्ली : रुपए और शेयर बाजारों की मुश्किलें फिलहाल हल्की होती नहीं दिख रही हैं। रुपया सोमवार को डॉलर के मुकाबले और 148 पैसे लुढ़क गया, वहीं बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स गत शुक्रवार को 700 अंक से अधिक की भारी गिरावट के बाद फिर 291 अंक नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह इसका चार माह का निचला स्तर है।
रुपये में यह एक दशक में किसी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। लगता है कि अभी निवेशकों में सरकार की ओर से दिए गए इस आश्वासन पर भरोसा नहीं है कि सरकार देश से पूंजी बाहर ले जाने पर कोई नया नियंत्रण नहीं लगाएगी। अमेरिका में प्रोत्साहनों को वापस लिए जाने की आशंका में शुक्रवार को बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी।
रुपया आज अपने पिछले बंद स्तर 61.65 प्रति डॉलर के मुकाबले 62.30 प्रति डॉलर पर कमजोर खुला और दिन भर दबाव में रहा। एक समय स्थानीय मुद्रा का भाव 63.30 रुपए प्रति डॉलर तक गिर गया था। अंत में यह 63.13 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
पिछले दस साल से भी अधिक में यह रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले 22 सितंबर, 2011 को रुपया 124 पैसे लुढ़का था।
रुपए में गिरावट का मतलब यह है कि चालू खाते के घाटे (कैड) को पाटने में और दिक्कत आएगी। इससे ईंधन से लेकर वाहन क्षेत्र में उत्पादों में महंगाई बढ़ेगी।
बैंक, वाहन, फार्मा तथा एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली से निवेशकों की पूंजी आज एक लाख करोड़ रुपये घट गई। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 290.66 अंक के नुकसान से चार माह के निचले स्तर 18,307.52 अंक पर आ गया।
एचडीएफसी बैंक के व्यापार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष अजय मारवाह ने कहा कि रुपए में गिरावट के चलते इसके 63.30 रुपये तक गिरना, बाजार की धारणा को और प्रभावित करेगा।
रिजर्व बैंक ने रुपये की गिरावट थामने के लये पिछले कुछ सप्ताह के दौरान अनेक कदम उठाये हैं। भारतीय कंपनियों को विदेशों में निवेश के लिये ले जाने वाली राशि को कम किया है। भारतीय निवासियों के विदेशों में निवेश के लिये दी जाने वाली विदेशी मुद्रा को भी कम किया गया है।
इस बीच शेयर बाजार में भी आज 291 अंक की गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले कारोबारी सत्र में इसमें 769 अंक की गिरावट आई थी। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गत शुक्रवार को बाजार से 563.23 करोड़ रपये की निकासी की।
विदेशी मुद्रा डीलरों के अनुसार बाजार में भारी गिरावट के बावजूद रिजर्व बैंक की तरफ से हस्तक्षेप के कोई संकेत नहीं दिखाई दिये। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 19, 2013, 17:37