Last Updated: Thursday, March 29, 2012, 16:26
मुंबई : रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह कर्जे में फंसी अपनी परिसंपत्तियों की प्रबंधन क्षमता में सुधार लाएं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि इस वित्त वर्ष में बैंकों की गैर निष्पादित राशि (एनपीए) में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, लेकिन इसे लेकर घबराने की जरुरत नहीं है।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने यस बैंक के एक समारोह में अलग से संवददाताओं से बातचीत करते हुये कहा कि एनपीए से जुड़ी चिंताएं हैं, बैंकों को एनपीए को व्यवस्थित रखने की अपनी योग्यता और क्षमता में सुधार लाना होगा। हमने बैंकों को उनकी कमजोरी बताई है। उन्हें अपने सूचना तंत्र को सुधारना होगा। हालांकि, हमने देखा है कि स्थिति खतरनाक नहीं है, हालांकि हमें इसे लेकर चिंता है। उम्मीद है कि बैंक इन्हें व्यवस्थित करने में सक्षम होंगे।
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ने वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में गैर निष्पादित कुल राशि 40,080 करोड़ रुपये बताई है, जिसकी वजह से उसकी जोखिम पूंजी प्रावधान में 87.5 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया, हालांकि इस दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों की स्थिति बेहतर रही। वर्ष के दौरान एनपीए की कुल राशि कुल परिसंपत्तियों के मुकाबले तीन प्रतिशत से अधिक रहने की आशंका है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 2.3 प्रतिशत रहकर 98,000 करोड़ रुपये रही थी। नियामक के लिये सबसे बड़ी चिंता कंपनियों के कर्ज पुनर्गठन का है। इस साल यह 300 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 76,251 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जबकि पिछले वित्त वर्ष में ऐसी राशि मात्र 25,054 करोड़ रुपये रही थी।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 29, 2012, 21:57