Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 13:31
नई दिल्ली : भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की चुकता पूंजी बढ़ाने के प्रावधान वाले एक विधेयक को बुद्धवार को संसद की मंजूरी मिल गई।
राज्यसभा में जीवन बीमा निगम (संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधेयक पर लाए गए माकपा सदस्यों तपन कुमार सेन और मोइनुल हसन के संशोधन को सदन ने 28 के मुकाबले 58 मतों से नकार दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा ने सदस्यों को आश्वासन दिया कि सरकार एलआईसी में अपने नियंत्रण को कतई कम करने नहीं जा रही है लेकिन सरकार की उसके रोजमर्रा के फैसलों में हस्तक्षेप की कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने एलआईसी के शानदार कार्य प्रदर्शन का ब्यौरा देते हुए कहा कि 31 अक्तूबर 2011 को समाप्त अवधि में इसकी बाजार हिस्सेदारी 74 फीसदी थी और प्रीमियम की दृष्टि से यह आंकड़ा 78 फीसदी का था।
विधेयक में भारतीय जीवन बीमा निगम की चुकता पूंजी को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में एलआईसी के मूल्यवान अधिशेष की सीमा को 95 प्रतिशत से घटाकर 90 प्रतिशत करने के प्रावधान पर विभिन्न सदस्यों की आशंकाओं को निर्मूल करार देते हुए मीणा ने कहा कि यह कदम एलआईसी को 1938 के जीवन बीमा कानून कानून के प्रावधानों के अनुरूप बनाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य बीमा कंपनियों के लिए इसकी सीमा 90 प्रतिशत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 19:01