Last Updated: Thursday, July 12, 2012, 18:25
नई दिल्ली: एचएसबीसी की एक रपट में कहा गया है कि अभी तक मानसून निराशाजनक रहा है और अगर पर्याप्त बारिश नहीं होती तो इससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी साथ ही सब्सिडी बिल भी बढ़ेगा जिससे रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश और सीमित हो जाएगी।
एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत व आसियान) लीफ लाइबेकर एस्केसन ने कहा, ‘अगर संपूर्ण सीजन के दौरान बारिश सामान्य से काफी कम रहती है तो इसका असर आपूर्ति और कीमतों पर होगा, भले ही सरकार स्थिति से निपटने के लिए जो भी कदम उठाए।’
रिजर्व बैंक की मौद्रिक एवं ऋण नीति की तिमाही समीक्षा से पहले एचएसबीसी के अर्थशास्त्री ने कहा ‘रिजर्व बैंक इसलिये मौसम पर बारीकी से निगाह रखे हुये है।’
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 8 जुलाई को देशभर में मानसून की वष्रा सामान्य से 25 प्रतिशत कम रही है। 36 में से 22 मौसम क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश रही है। क्षेत्रवार उत्तर-पश्चिम भारत सबसे जयादा प्रभावित रहा है और यहां अभी तक 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मध्य भारत और दक्षिणी क्षेत्र में भी 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस बीच केन्द्रीय जल आयोग ने कहा है कि देश के 84 जल भंडारों में पानी का स्तर सामान्य से कम है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 12, 2012, 18:25