Last Updated: Wednesday, January 4, 2012, 15:47
नई दिल्ली : लागत कटौती के उपायों के तहत निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स करीब 2,000 कर्मचारियों की छंटनी करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, उसकी योजना अपने कर्मचारियों से अधिक घंटे तक काम कराने की है।
यद्यपि किंगफिशर एयरलाइन्स को ई.मेल से भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिल सका, उद्योग सूत्रों ने कहा कि ऋण के बोझ तले दबी कंपनी अगस्त, 2012 तक किसी भी बड़ी भर्ती गतिविधि से दूरी बना सकती है। सूत्रों ने कहा कि विमानन कंपनी जुलाई तक करीब 2,000 नौकरियां समाप्त करने पर विचार कर रही है और कंपनी के कारपोरेट कार्यालयों में मध्यम स्तर के प्रबंधकीय कर्मचारी भी छंटनी के शिकार हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विजय माल्या की अगुवाई वाली किंगफिशर एयरलाइन्स कर्मचारियों के काम के घंटे भी बढ़ा सकती है जिसके लिए वह उन्हें अधिक प्रोत्साहन एवं भत्ते देगी। वित्त वर्ष 2010-11 में किंगफिशर की कुल कर्मचारी लागत दो प्रतिशत घटकर 676 करोड़ रुपये रही। 31 मार्च, 2011 तक कंपनी में कुल 7,317 कर्मचारी थे।
पिछले महीने, सरकार ने संसद को सूचित किया कि किंगफिशर एयरलाइन्स पर करीब 6,419 करोड़ रुपये बकाया है और इसे ऋण देने वालों में एसबीआई, आईडीबीआई बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक आफ बड़ौदा शामिल हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 4, 2012, 21:17