Last Updated: Friday, November 11, 2011, 11:05
मुंबई: किंगफिशर एयरलाइंस को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा है। विमानन मंत्रालय ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि वो किसी भी एयरलाइंस को बेलआउट पैकेज नहीं दे सकती।
केंद्रीय विमानन मंत्री व्यालार रवि ने शुक्रवार को कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस ने उनसे किसी तरह का बेलआउट नहीं मांगा है और मांगते तो भी वो नहीं दे पाते। हालांकि सरकार नहीं चाहती थी कि किंगफिशर के विमान बंद हों। लिहाजा किंगफिशर की मदद के लिए वित्त मंत्रालय से अपील की गई है।
किंगफिशर के मुताबिक रोजाना सिर्फ 50 फ्लाइट कंपनी रद्द कर रही है लेकिन अगर गुरुवार के उड़ानों पर नजर डालें तो कंपनी ने गुरुवार को 36 फीसदी यानि 149 उड़ानें रद्द की हैं। और ये सिलसिला शुक्रवार को भी जारी है। कंपनी की सुबह से लेकर अबतक करीब 20 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं।
यही नहीं कंपनी की खराब हालत को देखते हुए 130 पायलटों ने एयरलाइन से इस्तीफा दे दिया है। अपनी खस्ता हालत को देखते हुए कंपनी ने दो ए-340 विमान का ऑर्डर भी रद्द कर दिया है।
विमानन कंपनी को 2010-11 में 1,027 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था और उसका ऋण बढ़कर 7,057.08 करोड़ रुपए हो गया।
विजय माल्या की भारी घाटे से जूझ रही विमान कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के शेयर शुक्रवार को 18 प्रतिशत की रिकार्ड गिरावट पर रहे। कंपनी ने अपने परिचालन खर्चों में कटौती का हवाला देते हुए पहले तो अपनी किफायती विमान सेवा बंद कर दी और अब एक एक कर सभी उड़ानें भी रद्द कर रही हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि कंपनी को पट्टे पर विमान बेचने वाली कंपनियों ने अपने विमान वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 11, 2011, 16:36