Last Updated: Sunday, September 29, 2013, 20:22
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि कृष्णा गोदावरी बेसिन की अपतटीय परियोजना में अनुमान के मुकाबले गैस उत्पादन गिरने के एक ही अपराध में उस पर दोहरा दंड लगाया जा रहा है।
कंपनी ने कहा है कि अनुबंध में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि वास्तविक उत्पादन पूर्वानुमान के अनुसार ही होगा पर इसके लिए पहले उसपर पहले 1.78 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया और अब गैस मूल्य बढ़ाने से मना किया जा रहा है।
आरआईएल और उसकी साझीदार बीपी ने 18 सितंबर को केजी-डी6 ब्लॉक में डी.1 एवं डी.3 फील्ड्स के मुद्दे पर पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इस ब्लाक में गैस उत्पादन घटकर प्रतिदिन 1 करोड़ घन मीटर रह गया है, जबकि उत्पादन बढ़कर 8 करोड़ घन मीटर पहुंचने का अनुमान जताया गया था।
मोइली के मंत्रालय को लगता है कि उत्पादन, लक्ष्य के मुताबिक नहीं होने से अनुबंध का उल्लंघन होता है और इस आधार पर उसने पिछले तीन वित्त वषरें में हुए 1.786 अरब डॉलर के खर्च को नामंजूर कर एक तरह का जुर्माना लगा दिया है। इसके अलावा, मंत्रालय ने आरआईएल को नया मूल्य देने से इनकार करने की भी योजना बनाई है।
कंपनी ने आनी प्रस्तुती में कहा, ‘कांट्रैक्टर पर दोहरी पेनाल्टी: एक तरफ निकासी पर खर्च निकालने की अनुमति नहीं दी गयी दूसरी तरफ बाजार मूल्य देने से भी भी इन्कार किया जा रहा है।’
कंपनी ने कहा है कि उत्पादन में हिस्सेदारी के अनुबंध (पीएससी) के तहत विकास योजना में उल्लिखित उत्पादन का स्तर केवल अनुमानित आंकड़ा होता है। वह प्रतिब प्रतिबद्धता नहीं है।
हाइड्राकार्बन महानिदेशालय ने जुलाई में पेट्रोलियम मंत्रालय से सिफारिश की कि केजी डी-6 परियोजना में गैस का उत्पादन घटने के कारण रिलायंस के 78.1 करोड़ डालर के खर्च को नामंजूर कर दिया जाए। उसका कहना है कि कंपनी की इस परियोजना का उत्पादन स्तर 2012-13 में औसतन प्रति दिन 2.6 करोड घन मीटर रह गया जबकि लक्ष्य 8.67 करोड़ टन मीटर से अधिक का था। यह दंड कंपनी पर इसी प्रकार पहले लगाये गए 100.5 करोड़ डालर के दंड के अतिरिक्त है जो 2010.11 और 2011-12 में उत्पादन में गिरावट के चलते लगाया गया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 29, 2013, 20:22