`ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी बढ़ने से बढ़ रही महंगाई`

`ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी बढ़ने से बढ़ रही महंगाई`

`ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी बढ़ने से बढ़ रही महंगाई`नई दिल्ली : ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी करीब 20 प्रतिशत बढ़ने से खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है जिससे रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरों में कटौती करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। उद्योग मंडल एसोचैम एक अध्ययन में यह बात कही है।

एसोचैम ने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में मजदूरी में सालाना करीब 20 प्रतिशत की वृद्धि से अनाज, चावल और गेहूं जैसी खाद्य वस्तुओं पर दबाव बन रहा है और इसने रिजर्व बैंक के समक्ष नीतिगत दरों में कटौती के रास्ते चुनौती पैदा की है।’

मजदूरी और मुद्रास्फीति को संबद्ध करने के रिजर्व बैंक के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए उद्योग मंडल ने कहा, ‘पिछले तीन साल में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी सालाना करीब 20 प्रतिशत बढ़ी है जिससे खाद्य वस्तुओं पर दबाव बन रहा है।’

ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी के अलावा खाद्य वस्तुओं की उत्पादन लागत भी बढ़ी है जिसकी वजह उर्वरक, डीजल और परिवहन लागत का बढ़ना है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 17, 2013, 16:07

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