Last Updated: Friday, July 19, 2013, 15:01

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान चालू खाते का घाटा (सीएडी) पिछले साल के मुकाबले काफी कम रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार सीएडी में कमी लाने के लिये वित्तीय, मौद्रिक और आपूर्ति सभी उपलब्ध नीतिगत मोर्चे पर कदम उठायेगी ताकि आगे भी इसमें कमी लाई जा सके।
मनमोहन ने उद्योग मंडल एसोचैम की 92वें सालाना आम बैठक का उद्घाटन करते हुये कहा ‘एक साल में ऐसा करना संभव नहीं है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि 2013.14 में सीएडी पिछले साल के 4.7 प्रतिशत से काफी नीचे रहेगा, अगले साल इसमें और कमी आयेगी।’ सरकार सीएडी को कम करके जीडीपी के 2.5 प्रतिशत के सुविधाजनक स्तर पर लाने के हरसंभव प्रयास करेगी।
देश में वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात तथा अन्य रास्तों से आने वाली कुल विदेशी पूंजी जब देश से बाहर जाने वाली विदेशी मुद्रा की तुलना में कम रह जाती है तब उस अंतर को चालू खाते का घाटा कहते हैं।
मनमोहन ने कहा ‘मांग और आपूर्ति पक्ष की समस्याओं को दूर कर हम सीएडी को नियंत्रण में लाने के लिये प्रतिबद्ध हैं।’ उन्होंने कहा ‘मांग की तरफ हमें सोना और पेट्रोलियम पदार्थों की मांग पर कम करने की आवश्यकता है। हमारे व्यापार घाटे में इन दोनों का सबसे अधिक योगदान है।’ सरकार ने सोने की मांग पर अंकुश लगाने के लिये कई उपाय किये हैं और इसका परिणाम भी दिखने लगा है। जून में सोने की मांग तेजी से घटी है और उम्मीद है कि आगे भी यह सामान्य स्तर पर बनी रहेगी।
मनमोहन ने कहा कि दूसरी तरफ निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता है। रुपये की गिरावट से इसमें मदद मिलेगी लेकिन इसका फायदा दिखने में कुछ समय लगेगा। ‘लेकिन अब निर्यात के जो आर्डर मिलेंगे उनमें फायदा मिलेगा। हम लौह अयस्क तथा अन्य अयस्क के निर्यात में आने वाली अड़चनों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, July 19, 2013, 15:01