Last Updated: Monday, August 26, 2013, 19:13
नई दिल्ली : देश का चालू खाते का घाटा (कैड) चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.7 प्रतिशत यानी 70 अरब डॉलर पर आ सकता है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी. रंगराजन ने आज कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से कैड नीचे आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि 2013-14 में देश की आर्थिक वृद्धि दर करीब 5.5 प्रतिशत रहेगी। रंगराजन ने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर कहा, सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से चालू खाते का घाटा पिछले वित्त वर्ष के 88 अरब डॉलर से घटकर 70 अरब डॉलर पर आ सकता है। सोने के आयात में 10 से 12 अरब डॉलर की कमी काफी राहत की बात होगी। देश से विदेशी मुद्रा के बाहरी और अंत: प्रवाह के अंतर को चाले खाते का घाटा कहते हैं। वर्ष 2012-13 में चालू खाते का घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत यानी 88 अरब डॉलर रहा था। वर्ष 2011-12 में यह जीडीपी का 4.2 प्रतिशत यानी 78.2 अरब डॉलर था।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल में कहा था कि सरकार कैड को जीडीपी के 3.7 प्रतिशत यानी 70 अरब डॉलर पर रखने का हरसंभव प्रयास कर रही है। विदेशी मुद्रा के बाह्य प्रवाह पर अंकुश के लिए सरकार ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 26, 2013, 19:13