Last Updated: Sunday, September 2, 2012, 15:40
नई दिल्ली : चेक भुगतान में लगने वाले समय को लेकर अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। रिजर्व बैंक ने बैंकों को ऐसे निर्देश दिए हैं जिसके तहत आपका चेक सामान्य स्थिति में अधिकतम 48 घंटे में ‘क्लीयर’ हो जाएगा। और अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक आपको बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज के बराबर भुगतान करेंगे।
बैंक विशेषज्ञों का कहना है कि इस व्यवस्था से न केवल बैंकों के ग्राहकों को फायदा होगा बल्कि धन की गतिशीलता बढ़ने से आर्थिक क्रियाओं को भी गति मिलेगी।
रिजर्व बैंक ने पिछले महीने इस बारे में अधिसूचना जारी कर बैंकों से चेकों की वसूली में लगने वाले समय और विलंब होने पर क्षतिपूर्ति के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है।
इस बारे में नवंबर 2008 में परिपत्र जारी किया गया था लेकिन उपयुक्त तरीके से नियमों का पालन नहीं होने के कारण फिर से अधिसूचना जारी की गई है।
रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने मुंबई से बताया, बैंकों को चेक संग्रहण नीति में स्थानीय और बाहरी चेकों की वसूली में लगने वाले समय के साथ साथ चेक का पैसा ग्राहक के खाते में पहुंचने में विलंब होने पर उसकी क्षतिपूर्ति किए जाने के बारे में जानकारी देने की व्यवस्था करने को कहा गया था।
विभिन्न बैंकों की संबंधित नीतियों को देखने के बाद यह पता चला कि स्थानीय चेकों की वसूली में विलंब होने पर क्षतिपूर्ति के संबंध में कोई भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसी को देखते हुए नई अधिसूचना जारी की गयी है।
एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा, आम लोगों की भाषा में अगर कहा जाए तो इस व्यवस्था से कोई भी चेक सामान्य परिस्थितियों में 48 घंटे में क्लीयर हो जाएगा।
सामान्य परिस्थिति के बारे में रिजर्व बैंक के अधिकारी ने कहा, अगर चेक शुक्रवार को शाम चार बजे या उसके बाद डाला जाता है या फिर हड़ताल जैसी कोई असामान्य परिस्थिति होती है तो 48 घंटे में चेक भुगतान होना मुश्किल है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 2, 2012, 15:40