Last Updated: Friday, February 15, 2013, 00:09

नई दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में तीन साल के निचले स्तर 6.62 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि, इसके बावजूद आम आदमी को राहत नहीं मिली है, क्योंकि प्याज और आलू जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं में महंगाई बनी हुई है।
मुद्रास्फीति में गिरावट का सिलसिला जनवरी में लगातार चौथे महीने जारी रहा। विशेषकर विनिर्मित वस्तुओं के दाम नीचे आने से मुद्रास्फीति घटी है।
दिसंबर, 2012 में मुद्रास्फीति 7.18 फीसद पर थी, जबकि नवंबर में यह 7.24 प्रतिशत थी। जनवरी, 2012 में मुद्रास्फीति 7.23 फीसद पर थी। सालाना आधार पर जनवरी में खाद्य और प्राथमिक वस्तुओं के दाम चढ़े। प्याज की महंगाई दर माह के दौरान सालाना आधार पर 111.52 प्रतिशत अधिक रही। वहीं आलू 79.09 प्रतिशत महंगा रहा।
इसके अलावा गेहूं, सब्जियां, चावल और मोटे अनाज के दाम भी चढ़े। महंगाई के आंकड़ांे पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद :पीएमईएसी: के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा कि यह मार्च अंत तक और घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। रंगराजन ने सरकार को सलाह दी है कि वह कीमतों को नीचे लाने के लिए अपने भंडार से और खाद्यान्न जारी करे।
रंगराजन ने कहा,‘खुदरा मुद्रास्फीति ऊंची है। प्राथमिक तथा खाद्य वस्तुओं की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी अधिक है। बाजार में और अधिक खाद्य पदार्थ का स्टाक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।’ जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 10.79 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी।
आज जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्मित वस्तुओं की श्रेणी में जनवरी में महंगाई की दर घटकर 4.81 प्रतिशत पर आ गई। दिसंबर में यह सालाना आधार पर 5.04 प्रतिशत अधिक थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 15, 2013, 00:09