Last Updated: Saturday, October 13, 2012, 17:01

टोक्यो : वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता पर चिंता जाहिर करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि जिंसों की ऊंची कीमत, विशेषकर ऊर्जा की कीमत देश की वृद्धि और मुद्रास्फीति के लिए बड़ा खतरा है।
अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में पूंजीप्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा और वैश्विक स्तर पर जिंसों की कीमत अधिक रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने आए चिदंबरम ने कहा, वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में भारी बढ़ोतरी दूसरी बड़ी चुनौती है जिसका मुकाबला कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं को करना पड़ सकता है।
भारत के बारे में उन्होंने कहा, जिंस विशेष तौर पर ऊर्जा की वैश्विक कीमत वृद्धि और मुद्रास्फीति के लिए बड़ा खतरा है।
भू-राजनैतिक तनावों और अमेरिका, यूरोप और जापान की अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय व्यवस्था में नकदी प्रवाह बढ़ने के कारण जिंस की कीमत बढ़ रही है।
चिदंबरम ने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के सुकूनदेह स्तर से अधिक है और मांग के दबाव पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दरों को अप्रैल से आठ प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।
उन्होंने कहा, हालांकि अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को रिण का प्रवाह सुनिश्चत कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक सक्रियता से नकदी का प्रबंधन कर रही है। निकट भविष्य में मुद्रास्फीति उच्चतर स्तर पर बने रहने की संभावना है।
भारत की आर्थिक वृद्धि 2011-12 में नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 फीसद पर पहुंच गई और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.5 फीसद पर थी।
हालिया रपट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2012 में भारत की वृद्धि दर 4.9 फीसद की वृद्धि दर की उम्मीद जाहिर की। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 13, 2012, 17:01