‘टैक्सी फार श्योर’ सेवा अब दिल्ली में भी

‘टैक्सी फार श्योर’ सेवा अब दिल्ली में भी

नई दिल्ली : बुक कराई गई टैक्सी समय से आएगी या नहीं, लोगों को हर बार यह चिंता बनी रहती है। टैक्सी कंपनियां कभी बुकिंग के बावजूद घंटा डेढ़ घंटा पहले खेद व्यक्त कर देती हैं। ग्राहक के पास अधिक विकल्प नहीं बचते और उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कभी चालकों के गलत व्यवहार और भाड़ा अधिक होने से भी मुश्किल होती है।

भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद से निकले युवा उद्यमी रघुनंदन, अपरामेय राधाकृष्ण तथा उनकी टीम ने ‘टैक्सी फॉर श्योर’ के जरिए इस समस्या का तोड़ निकाला है। टैक्सी चालकों के नेटवर्क पर आधारित बेंगलुरु के अपने इस उद्यम को वे अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी ला चुके हैं। ‘टैक्सी फॉर श्योर’ का दावा है कि उसके यहां बुकिंग पर गाड़ी पहुंचना तय है। बेंगलुरु में करीब डेढ़ साल पहले सेवा शुरू करने वाली इस कंपनी का यह भी दावा है कि उससे जुड़े चालकों का व्यवहार न केवल अपेक्षाकृत बेहतर होगा बल्कि ग्राहकों का भी टैक्सी का खर्चा तुलनात्मक रूप से कम आएगा।

उपक्रम के मुख्य परिचालन अधिकारी रोनाल्ड रोसैरियो ने बातचीत में कहा, ‘कैब चाहने वालों को अब यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि बुकिंग करने पर उनकी गाड़ी समय पर आएगी या नहीं। उसके यहां बुकिंग होने पर गाड़ी पहुंचनी तय है।’ उन्होंने कहा, ‘हम चालकों को मोबाइल एप्लीकेशन मुहैया करा रहे हैं ताकि उनकी वास्तविक स्थिति का पता चल सके। साथ ही ग्राहक भी इस एप्लीकेशन का उपयोग कर कंपनी की सेवा ले सकते हैं।’ रोसैरियो ने कहा कि इस तकनीक के इस्तेमाल से गाड़ियों का बेहतर उपयोग हो सकेगा और लागत में कमी आएगी। साथ ही ग्राहकों को कम समय में बेहतर टैक्सी सेवा भी लेने में मदद मिलेगी।

रोनाल्ड रोजैरियो ने कहा, ‘हमारे पास कारों का बेड़ा नहीं है। हम जोड़ने वाले (एग्रीगेटर) के रूप में काम करते हैं। इसके तहत हम बड़ी कंपनियों के साथ-साथ छोटे-छोटे परिचालकों के साथ गठजोड़ कर ग्राहकों को सेवा देते हैं।’ यह पूछे जाने पर आखिर कंपनियां उनसे क्यों जुड़ेंगी, उन्होंने कहा, ‘इसके दो कारण है। पहला, हम उन्हें निरंतर बुकिंग देते हैं और दूसरा, उनकी ड्राई रन कास्ट यानी खाली टैक्सी दौड़ाने पर खर्च कम करने में सहायता करते हैं।’ कंपनी आधुनिक तकनीक के जरिये उन गाड़ियों का उपयोग करती है जो बुकिंग स्थल के आसपास हैं।

कंपनी की विस्तार योजना के बारे में रोनाल्ड रोसैरियो ने कहा कि 2015 तक हमने नौ शहरों में सेवा शुरू करने की योजना बनायी है। इसमें इस साल दिल्ली और मुंबई में सेवा शुरू की जा रही है।’ जिन नौ शहरों में कंपनी अगले दो साल में सेवा शुरू करेगी उसमें दिल्ली और मुंबई के अलावा पुणे, हैदराबाद, जयपुर, अहमदाबाद, भोपाल, हैदराबाद जैसे शहर शामिल हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘उनकी कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि चालकों का व्यवहार ग्राहकों के प्रति बेहतर हो। साथ ही चालकों के दबाव को दूर करने तथा समाज में उनके कार्यों को सम्मानित नजरिये से देखे जाने की दिशा में कोशिश की जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘टैक्सी चालकों के तनाव को दूर करने लिए हम मनोवैज्ञानिकों की सेवा ले रहे हैं।’

बाजार हिस्सेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने अगले पांच साल में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है। एक अनुमान के अनुसार देश में टैक्सी बाजार का कुल आकार करीब 50,000 करोड़ रुपए का है। उसमें भी संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 10 प्रतिशत है। संगठित क्षेत्र में मेरू कैब, ईजी कैब, रेडियो टैक्सी जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 17, 2013, 14:07

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