Last Updated: Tuesday, May 15, 2012, 11:33
नई दिल्ली : देश में 50 साल पुराने आयकर कानून को दुरूस्त करने के लिहाज से बनाई जा रही प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा और इस बारे में स्थायी समिति की अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा में वित्त विधेयक 2012 को चर्चा के लिए रखते हुए आज यह बात कही। वित्त विधेयक को लोकसभा की पहले ही मंजूरी मिल गई है।
मुखर्जी ने कहा कि मुझे बजट सत्र खत्म होने के बाद सभी सिफारिशों (स्थायी समिति की) पर गौर करने का मौका मिलेगा। उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी के पश्चात डीटीसी विधेयक को दोनों सदनों की मंजूरी के लिए उसे अगले बजट सत्र में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें स्थायी समिति की सभी सिफारिशों पर गौर करने का मौका नहीं मिल सका क्योंकि उसकी रिपोर्ट नौ मार्च को सौंपी गयी जबकि 16 मार्च को वित्त विधेयक पेश किया गया। डीटीसी विधेयक का देश के आयकर कानूनों पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि यह आयकर कानून 1961 का स्थान लेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवन्त सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में अन्य सिफारिशों के साथ साथ आयकर राहत सीमा को मौजूदा 1.8 लाख से बढ़ाकर तीन लाख रूपये करने का भी सुझाव दिया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 15, 2012, 17:03