Last Updated: Friday, August 23, 2013, 14:46
नई दिल्ली : भारत की आयात पर लगाम लगाने, निर्यात में सुधार और ज्यादा रेमिटांस आकर्षित करने की कोशिश से चालू वित्त वर्ष में चालू खाते के घाटे के लिए धन की व्यवस्था हो सकती है और अगले छह से 12 महीने में रुपए को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 61 के स्तर पर आने में मदद मिलेगी। कल कारोबार के दौरान रुपया एक समय गिर कर 65.56 तक गिर गया था पर बाद में तेजी से सुधर कर 64.55 पर बंद हुआ।
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बाक्र्लेज ने आज एक रपट में कहा कि चालू खाते का घाटे (कैड) के आश्चर्यजनक अनुकूल परिणाम भी हो सकते हैं। किसी अवधि में विदेशी मुद्रा में खर्च और आमदनी के अंतर को कैड कहा जाता है। बाक्र्लेज ने वित्त वर्ष 2013-14 में कैड के अनुमान को घटाकर 68 अरब डालर हो गया। पहले उसने इसके 80 अरब डालर रहने का अनुमान लगाया था। वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे और कैड को जीडीपी के क्रमश: 4.8 प्रतिशत और 3.7 प्रतिशत पर रखने को कृतसंकल्प हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 23, 2013, 14:46