Last Updated: Friday, November 18, 2011, 15:00
नई दिल्ली : डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बाजार मूल्य से कम दाम पर बिक्री से होने वाले नुकसान की आंशिक भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय ने तेल कंपनियों को 15,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी को मंजूरी दी है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘वित्त मंत्रालय ने 11 नवंबर को 15,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त क्षतिपूर्ति राशि की मंजूरी दी है।’
अधिकारी ने कहा कि यह राशि 30 जून को समाप्त पहली तिमाही के लिए दी गई 15,000 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि से अलग है। तेल विपणन कंपनियों को जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में 21,374 करोड़ रुपए की कमाई का नुकसान हुआ है। इसमें से 7,124 करोड़ रुपए की भरपाई ओएनजीसी और ऑयल इंडिया की तरफ से कर दी गई शेष 14,250 करोड़ रुपए की राशि वित्त मंत्रालय से देने को कहा गया था।
अधिकारी ने बताया कि कंपनियों को मंजूरी पत्र जारी कर दिया गया है और वास्तविक धनराशि का वितरण संसद में अनुपूरक अनुदान मांगों को मंजूरी मिलने के बाद किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से शुरू हो रहा है। आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल तीनों को पहली तिमाही में डीजल, एलपीजी और केरोसिन पर कुल मिलाकर 43,526 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसकी भरपाई के लिए वित्त मंत्रालय से 29,000 करोड़ की नकद सब्सिडी मांगी गई थी, लेकिन उन्हें 15,000 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए।
अप्रैल से सितंबर के छह महीनों में इन कंपनियों का नुकसान 64,900 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। तेल कंपनियों डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री सरकार द्वारा तय दाम पर करती हैं। ये दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्यों की तुलना में काफी कम होते हैं। इससे कंपनियों को काफी नुकसान उठाना होता है।
डीजल पर कंपनियों को अभी भी प्रति लीटर 11.44 रुपए का नुकसान हो रहा है। केरोसिन पर 26.94 रुपए और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 260.50 रुपए का नुकसान हो रहा है। तीनों कंपनियों को दैनिक 360 करोड़ की कमाई का नुकसान उठाना पड़ रहा है। डीजल, रसोई गैस और केरोसिन पर चालू वित्त वर्ष में उन्हें कुल मिलाकर 1,30,000 करोड़ रुपए की कमाई के नुकसान का अनुमान है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 18, 2011, 23:30