देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालना है प्राथमिकता: PM - Reversing economic slowdown is our top priority: PM

देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालना है प्राथमिकता: PM

देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालना है प्राथमिकता: PMज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : राष्‍ट्रीय विकास परिषद की गुरुवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सतत विकास हासिल करने के लिए देश के समक्ष कई चुनौतियां हैं। देश को मुश्किल आर्थिक हालात से निकालना हमारी प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करना एक महत्वाकांक्षी कार्य है और इसे हासिल करने का लक्ष्‍य तय किया गया है। वर्ष 2004 के बाद से गरीबी में प्रति वर्ष 2 प्रतिशत की दर से तेज कमी आई है। हम इस दिशा में और काम कर रहे हैं। विकास दर को आठ फीसदी पर ले जाने के लक्ष्‍य का उल्‍लेख करते हुए पीएम ने कहा कि आज आर्थिक हालात चिंताजनक है। लोगों को खुशहाल बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक मंदी से देश के विकास दर में कमी आई है। सब्सिडी में और कमी किए जाने की जरूरत है। सब्सिडी पर नियंत्रण करने की जरूरत है।

सिंह ने कहा कि हम एक ऐसे चरण में पहुंच रहे हैं जहां ‘बीमारू राज्य’ शब्द को इतिहास का शब्द बताया जा सकता है। 12वीं योजना के वित्त पोषण के लिए संसाधन जुटाने के वास्ते दृढ़ प्रयास करने की जरूरत, जीएसटी को जल्द लागू करने की जरूरत है। ऊर्जा की कीमतों में चरणबद्ध तरीके से कुछ वृद्धि करने की आवश्यकता है। सब्सिडी सुविचारित ढंग से दी जानी चाहिए और इसे राजकोषीय सीमा में रखा जाना चाहिए है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता है। सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और महिलाओं के साथ संगीन यौन अपराध के मामलों में दंड के स्तर की समीक्षा करने का निर्णय किया है। दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को पकड़ लिया गया है, कानून उनसे तेजी से निपटेगा। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी चिंता है और महिलाओं की सुरक्षा हमारी जिम्‍मेदारी है। महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के साथ की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर बने कानून की समीक्षा की जा रही है। जस्टिस वर्मा की अध्‍यक्षता में कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी कानून को और कारगर बनाने पर सुझाव देगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून में बदलाव की जरूरत है।

First Published: Thursday, December 27, 2012, 11:26

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