Last Updated: Saturday, August 18, 2012, 18:29
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को कहा कि निवेश के बढ़ते ही देश की अधिकतर आर्थिक समस्याओं का समाधान हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित परिसम्पत्तियां (एनपीए) पिछले कारोबारी साल में मामूली बढ़ी हैं और यह खतरे के स्तर पर नहीं हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से एक मुलाकात के बाद चिदम्बरम ने कहा, निवेश बढ़ाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। (निवेशक) रुझान एकमात्र मुद्दा नहीं है..अन्य मुद्दों के साथ रुझान में बदलाव आएगा .. एक बार निवेश बढ़ना शुरू हो जाए, तो मेरे खयाल से हमारी अधिकतर समस्याएं सुलझ जाएंगी।
इस बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों के प्रदर्शन का जायजा लिया।
वित्त मंत्री ने संवाददाताओं को बैठक के बारे में कहा, हमारे पास कई महत्वपूर्ण मुद्दे थे, जिनमें शामिल हैं कृषि ऋण, अल्पसंख्यकों को ऋण और बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति। ईंधन आपूर्ति की शिकायतों और भूमि अधिग्रहण के मुद्दों पर भी विचार किया गया, जो निवेश में बाधक बन रहे हैं। मैं निवेश बढ़ाने के लिए इन सभी मुद्दों पर मंत्रालयों से चर्चा करुं गा।
उन्होंने कहा कि देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति अच्छी है और गैर निष्पादित परिसम्पत्तियों में मामूली वृद्धि हुई है।
चिदम्बरम ने कहा, सभी सरकारी बैंकों का एनपीए मार्च 2012 को समाप्त हुए वर्ष के लिए 3.17 फीसदी है। मुझे पूर्ण भरोसा है कि आर्थिक तेजी लौटते ही एनपीए भी बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि बैंकों को जरूरतमंद क्षेत्रों को ऋण देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने साथ ही लोगों को बैंकों में धन रखने की अपील की।
उन्होंने कहा, लोगों के पास 11 लाख करोड़ रुपये की नकदी है, जो बैंकों के पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक एटीएम मशीनों में यह सुविधा लगवाएं कि वे सिर्फ नकदी दे ही नहीं, बल्कि नकदी स्वीकार भी कर सकें। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 18, 2012, 18:29