Last Updated: Sunday, March 17, 2013, 14:35

नई दिल्ली : वैश्विक निवेश बैंकों की राय है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट के बीच मुद्रास्फीति कम होने को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
केंद्रीय बैंक 19 मार्च को मौद्रिक नीति की मध्य- त्रैमासिक समीक्षा करेगा।
विश्लेषकों का यह भी मानना है कि रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दर में कमी भले ही कर दे पर भविष्य के बारे में उसका रख अधिक नहीं बदलेगा और यह ‘सावधानी भरा’ होगा।
एचएसबीसी, स्टेनचार्ट, सिटीग्रुप, बार्कले तथा क्रेडिट सुइस जैसे प्रमुख वैश्विक बैंकों की राय है कि इस बार की समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक अपने अल्पकालिक उधार पर दर (रेपो) में कमी कर सकता है।
स्टेंडर्ड चार्टर्ड की अर्थशास्त्री अनुभूति सहाय ने एक रपट में कहा, ‘हालांकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 6.84 प्रतिशत रही जो अनुमान से थोड़ी उंची है लेकिन हमें अगले सप्ताह रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कमी की अपेक्षा अब भी है।’
बार्कले कैपिटल के अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल ने एक अनुसंधान पत्र में कहा, ‘अगर एलपीजी व डीजल के दाम में बढोतरी नहीं की जाती हमारा अनुमान है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 6.3 प्रतिशत के आसपास रहती।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 17, 2013, 14:35