पेट्रोल 25 पैसे सस्ता तो डीजल 50 पैसे हुआ महंगा, नई दरें लागू

पेट्रोल 25 पैसे सस्ता तो डीजल 50 पैसे हुआ महंगा, नई दरें लागू

पेट्रोल 25 पैसे सस्ता तो डीजल 50 पैसे हुआ महंगा, नई दरें लागूनई दिल्ली : सरकार ने जनता की मांग के आगे झुकते हुए एक साल में मिलने वाले सस्ते सिलेंडर की संख्या छह से बढ़ाकर नौ कर दी वहीं दूसरी तरफ सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए डीजल के दाम आंशिक तौर पर नियंत्रण मुक्त कर दिए।

भारतीय तेल निगम के अनुसार, डीजल के दामों में गुरुवार मध्य रात्रि से प्रति लीटर 50 पैसे की बढ़त और पेट्रोल के दामों में प्रति लीटर 25 पैसे की कटौती की गई है। डीजल की कीमत अब हर महीने 50 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ेगी। थोक में डीजल का इस्तेमाल करने वालों को अब दिल्ली में 57.96 रुपए प्रति लीटर डीजल मिलेगा। इसके दाम हर महीने की पहली और 16 तारीख को बदल सकते हैं। सरकार ने इससे पहले पिछले साल 14 सितंबर को डीजल के दाम में पांच रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने यह निर्णय किया। समिति के फैसले के अनुसार अब हर परिवार को एक साल में छह के बजाय नौ गैस सिलेंडर सस्ते दाम पर दिए जाएंगे। इससे अधिक जरूरत होने पर बाजार मूल्य पर सिलेंडर की आपूर्ति की जाएगी। तेल कंपनियों ने दूसरी तरफ पेट्रोल के दाम में लागत कम होने के कारण 25 पैसे लीटर कटौती करने का फैसला किया है।

डीजल के दाम को आंशिक तौर पर नियंत्रणमुक्त करने के सरकार के फैसले से डीजल सब्सिडी बोझ में इस साल करीब 12,900 करोड़ रुपए की कमी आएगी। रेलवे और राज्य परिवहन निगम जैसे डीजल के थोक खरीदारों को अब बाजार मूल्य पर डीजल खरीदना होगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की उनकी लागत से कम दाम पर बिक्री करने से तेल कंपनियों को 1,60,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। इसमें 59 प्रतिशत नुकसान डीजल का होगा।

पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के बाद जारी एक आदेश में कहा गया है कि थोक में डीजल का इस्तेमाल करने वाले खरीदारों को बाजार मूल्य देना होगा। इस फैसले से ऐसे उपभोक्ताओं को डीजल का दाम 10.81 रुपए लीटर अधिक चुकाना होगा। दिल्ली में इस समय डीजल का दाम 47.15 रुपए लीटर है।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने कहा, ‘हमने पेट्रोलियम पदार्थ बेचने वाली कंपनियों को धीरे-धीरे डीजल के दाम बढ़ाने की आजादी दी है। उन्हें समय-समय पर डीजल के दाम में हल्की वृद्धि करने के अधिकार दिये गए हैं।’

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि डीजल के दाम नियंत्रणमुक्त करने का फैसला जून 2010 में ही ले लिया गया था लेकिन इसपर अमल नहीं हो सका। फिलहाल एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस साल मार्च तक गैस उपभोक्ताओं को पांच सस्ते सिलेंडर दिए जाएंगे। तेल कंपनियां दाम इस तरह बढ़ाएं कि मुद्रास्फीति पर इसका असर नहीं हो। इसके साथ ही पूरा बोझ भी उपभोक्ता पर नहीं डाला जाना चाहिए। मोइली से हल्की और छोटी वृद्धि के बारे में जब पूछा गया कि यह कितनी होगी तो उनका जवाब था ‘छोटी वृद्धि मतलब छोटी।’

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी कहा कि तेल कंपनियों को समय समय पर हल्की वृद्धि करने की अनुमति दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘डीजल के दाम बढ़ने से कितनी सब्सिडी कम होगी मैं फिलहाल इसे शामिल नहीं कर रहा हूं, मैं इसी अनुमान के साथ आगे बढ़ रहा हूं कि पेट्रोलियम पदार्थों की सब्सिडी उतनी ही रहेगी जितना पहले अनुमान लगाया गया है।’

First Published: Thursday, January 17, 2013, 22:49

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