प्रत्यक्ष नकदी अंतरण से दूर होंगी खामियां : मनमोहन

प्रत्यक्ष नकदी अंतरण से दूर होंगी खामियां : मनमोहन

प्रत्यक्ष नकदी अंतरण से दूर होंगी खामियां : मनमोहन नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को कहा कि केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रत्यक्ष नकदी अंतरण योजना से सरकारी सहायता को सीधे जरूरतमंद तक पहुंचाने और इसमें होने वाले विलंब को कम करने में मदद मिलेगी। इससे बर्बादी रुकेगी और खामियां दूर हो सकेंगी।

सिंह ने यहां आठवें लोक सेवा दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए समन्वित प्रयास किए हैं। साथ ही लोक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को सिर्फ लोक सेवाओं की आपूर्ति में ही नहीं बल्कि सामान्य कामकाज के संचालन में भी नई और आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसका बेहतरीन उदाहरण देश के सभी नागरिकों को विशिष्ट पहचान प्रदान करने का आधार कार्यक्रम है। साथ ही आधार संख्या पर आधारित प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना है। फिलहाल देश के 121 जिले प्रत्यक्ष नकदी अंतरण योजना के तहत कवर किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस तथ्य को जानना जरूरी है कि प्रत्यक्ष नकदी अंतरण जैसे कार्यक्रम लोगों को सशक्तीकरण की भावना देते हैं। साथ ही उनका संचालन की प्रक्रिया में भरोसा बढ़ता है। इसके बड़े सकारात्मक प्रभाव हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस कार्यक्रम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े अधिकारियों का आह्वान किया कि वे इस योजना की सफलता सुनिश्चित करें।

डीबीटी योजना के तहत सब्सिडी का नकद हस्तांतरण सीधे लाभार्थी के आधार आधारित बैंक खाते में किया जाता है।

सिंह ने कहा, ‘हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम तथा लोक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सतत प्रयास किए हैं। हमने इस दिशा में कई कानूनी कदम उठाए हैं। मसलन सूचना का अधिकार कानून, लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक तथा घपले को उजागर करने संबंधी व्हीसलब्लोअर संरक्षण विधेयक।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि इनका मकसद देश में लोक सेवाओं की आपूर्ति का मानदंड सुधारना है। सिंह ने कहा, ‘हमें इस तथ्य को समझना होगा कि लोक सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय मानदंड का बनाने के लिए हमें काफी काम करने की जरूरत है।

वस्तु एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति तथा उनकी शिकायतों के निपटान विधेयक, 2011 में नागरिकों के अधिकारों का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि जब यह कानून लागू हो जाएगा तो नागरिकों को वस्तुओं और सेवाओं की समयबद्ध तरीके से आपूर्ति हो सकेगी। यह विधेयक अभी संसद के विचाराधीन है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा शहरीकरण के प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘शहरीकरण का प्रबंधन एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर हमारे योजनकारों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। एक अनुमान के अनुसार 20 साल में हमारी 50 फीसद आबादी शहरी क्षेत्रों में रहेगी।’ सिंह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे शहर और कस्बे अपने नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता की जनसेवाएं उपलब्ध कराएं।

उन्होंने कहा,‘इस दिशा में निगमों के संचालन की प्रक्रिया के आधुनिकीकरण की जरूरत है। हमारी लोक सेवाएं भी शहरीकरण के प्रबंधन के लिए बेहतर तरीके से तैयार होनी चाहिए।’ उन्होंने क्षमता निर्माण के लिए सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण पर जोर दिया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 21, 2013, 17:48

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