Last Updated: Sunday, January 27, 2013, 19:32
दावोस : बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुल्क दरों में बढोतरी को कड़वी गोली करार देते हुए कहा है कि भारतीय बिजली वितरण कंपनियों को अपने तकनीकी व वाणिज्यिक घाटे को कम करना होगा साथ ही वित्तीय स्थिति सुधारनी होगी। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) की खराब वित्तीय हालात को लेकर बढती चिंताओं के बीच सिंधिया ने कहा कि उनकी हालत सुधारने के दो ही तरीके हैं।
उन्होंने कहा, एक तो यह है कि बिजली दर बढाने की कड़वी गोली लें जो कि केवल केंद्र सरकार के हाथ में नहीं है क्योंकि हमारे संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार की पहल व जिम्मेदारी है। सिंधिया ने कहा, दूसरा तरीका एटीएंडसी :सकल तकनीकी व वाणिज्यिक: घाटे में कमी करना है तथा डिस्काम को और अधिक वित्तीय स्वस्थ बनाना है। अगर आप यह कर लेते है। तो बिजली दरों को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं।
उन्होंने कहा कि इन दोनों में संतुलन की जरूरत है। मेरा जोर एटीएंडसी घाटे को कम करते हुए डिस्काम को और अधिक व्यावहारिक बनाना है। एटीएंडसी घाटे के अलावा नीची शुल्क दों को भी डिस्काम की खराब वित्तीय स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जाता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 27, 2013, 19:32