Last Updated: Wednesday, September 25, 2013, 19:01
मुंबई : रिजर्व बैंक ने आज बैंकों से कहा है कि वह निर्यातकों को रुपये के उतार-चढाव के प्रभाव से बचाने के लिये वह नियमित रूप से निर्यात ऋण सीमा की समीक्षा करते रहें। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, हमने मामले का परीक्षण किया और बैंकों को सलाह दी जाती है कि वह कर्ज लेने वालों की कुल निर्यात रिण सीमा की समय समय पर गणना करते रहें।
कर्जदारों की मौजूदा परिसंपत्तियों, देनदारियों और विनिमय दर के आधार पर हर महीने इसकी समीक्षा की जा सकती है और बैंक की नीति के अनुसार विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण की सीमा नये सिरे से तय की जानी चाहिये। इस प्रकार की समीक्षा से निर्यात ऋण में रुपये के मुकाबले विदेशी मुद्रा राशि में घटबढ हो सकती है। इस साल मई के बाद से डॉलर के मुकाबले रुपया 20 प्रतिशत तक घट चुका है। अगस्त आखिर में 68.85 रुपये का रिकॉर्ड निम्न स्तर छूने के बाद यह फिलहाल 63 रुपये प्रति डॉलर के दायरे में है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 25, 2013, 19:01