Last Updated: Wednesday, June 5, 2013, 19:43

मुंबई : रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने आज कहा कि घरेलू बैंकों को बासल-तीन नियमों के तहत पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये अगले पांच साल में 5 लाख करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी।
इंडियन मर्चेन्ट्स चैंबर द्वारा यहां आयोजित बैंकिंग शिखर सम्मेलन में सुब्बाराव ने कहा, ‘शुरूआती अनुमान के अनुसार 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत पड़ेगी। इसमें गैर-इक्विटी पूंजी 3.25 लाख करोड़ रुपये जबकि इक्विटी पूंजी 1.75 लाख करोड़ रुपये होगी।’
उन्होंने कहा कि बासल तीन के तहत पूंजी जररतों को पूरा करने की समय सीमा, मार्च 2018 है। इसमें काफी समय है जिससे बैंकों को सुचारू तरीके से इसका पालन करने में मदद मिलेगी। पूरी बैंकिंग प्रणाली का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) दिसंबर 2012 के अंत तक 13.5 प्रतिशत रहा। वहीं शेयर पूंजी अनुपात (टियर 1 कैपिटल) 9.7 प्रतिशत रही।
देश में रिजर्व बैंक ने बैंकों के लिये बासल तीन पूंजी नियमों को इस साल एक अप्रैल से पेश कर दिया है। इसके अंतर्गत पूंजी जरूरतों को चरणबद्ध तरीके से 31 मार्च 2018 तक पूरा करना है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 5, 2013, 19:43