Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 15:19
नई दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र में प्रस्तावित सुधार और बाहर से ठेके पर काम कराने (आउटसोर्सिंग) की सरकार की पहल के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने 22 और 23 अगस्त को हड़ताल करने की घोषणा की है।
मुख्य श्रम आयुक्त द्वारा मंगलवार सुबह बुलाई गई सुलह बैठक विफल रहने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने बुधवार से दो दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पांच कर्मचारी यूनियनों और चार अधिकारी यूनियनों का प्रमुख संगठन यूएफबीयू, प्रस्तावित बैंकिंग सुधार और खंडेलवाल समिति की रपट मनमाने ढंग से लागू किए जाने के खिलाफ है।
यूएफबीयू से संबद्ध नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) के महासचिव अश्वनी राणा ने कहा, बातचीत और सुलह के प्रयास विफल हो गए। सरकार और आईबीए ने हमारी मांगों का कोई जवाब नहीं दिया। अखिल भारतीय बैंक हड़ताल 22 और 23 अगस्त को होगी।
उन्होंने कहा, बैठक में 9 यूनियनें और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के उपाध्यक्ष मौजूद थे। सरकार और आईबीए हमारी मांगों को नहीं सुन रहे हैं। हम हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
इस बीच, इंडियन बैंक ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, बैंक कर्मचारियों का एक समूह प्रस्तावित हड़ताल में शामिल हो सकता है। इससे बैंक की शाखाओं, कार्यालय का कामकाज प्रभावित हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक, 2011 में निजी बैंकों में शेयरधारकों का मताधिकार मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रावधान है। इसमें बड़े निवेशकों के लिए बैंक निदेशक मंडल को अपने अधिकार में लेना आसान होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 15:19