Last Updated: Tuesday, March 27, 2012, 09:03
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों से समान मियाद की विभिन्न जमाओं पर देय ब्याज दरों में अधिक फर्क रखने से बचने को कहा है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि समान अवधि की छोटी और बड़ी जमा राशियों पर ब्याज में बहुत अधिक अंतर का मतलब है कि बैंक कुछ गड़बड़ी कर रहे हैं।
शीर्ष बैंक के डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती ने कहा कि यदि यह (छोटी और बड़ी जमा राशियों के ब्याज दरों में अंतर) बहुत अधिक है तो इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है। उन्होंने बैंकों से यह भी कहा कि वे परिपवक्ता अवधि में बहुत कम अंतर वाली विभिन्न जमाओं पर दिए जाने वाले ब्याजों में बहुत अधिक अंतर भी न रखें। बाजार के पर्यवेक्षकों का कहना है कि बैंक बड़ी जमाराशि के जमाकर्ताओं को आकषिर्त करने के लिए अपेक्षाकृत काफी ऊंची ब्याज दर का प्रलोभन देते है।
इस संबंध में उनका कहना है कि बैंक तीन महीने की अवधि वाली बड़ी जमा राशियों पर जहां 11 प्रतिशत ब्याज देते हैं, वहीं इसी अवधि की छोटी जमा राशियों की जमाओं पर ब्याज सात प्रतिशत के आस पास है। चक्रवर्ती विशेष वित्तीय अनुसंधान और अध्ययन केंद्र (सीएएफआरएएल) द्वारा कल यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत कर रहे थे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 14:33