Last Updated: Friday, January 11, 2013, 20:50

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भारतीय उद्योग के लिए आज ‘आचार संहिता’ पेश की जिसमें स्थानीय लोगों के साथ भेदभाव करने वाली परियोजनाओं से दूरी बनाने, भंडाफोड़ करने वाले लोगों के अधिकारों का सम्मान करने और जाति या धर्म से परे जाकर योग्य कर्मचारियों के समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है।
एनएचआरसी ने भारतीय उद्योग में व्यवहार का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था और इस समिति ने आयोग को 12 सूत्री आचार संहिता का मसौदा सौंपा जिसमें कहा गया है कि सामाजिक और नैतिक पहलुओं के लिहाज से भारतीय उद्योग अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचा जहां उसे होना चाहिए।
आयोग ने कहा, ‘लोकपाल की मांग को लेकर हुए आंदोलन के दौरान जिस तरह का जनाक्रोश और प्रदर्शन किया गया उससे सीख मिलती है कि जवाबदेह इकाइयों का निर्माण करने की जरूरत है। इस पहलू को कारोबारी नैतिकता में समाहित किया जाना चाहिए। सभी कंपनियों को ऐसी परियोजनाओं या गतिविधियों से दूर रहना चाहिए जो उस जगह के समुदाय के व्यापक हितों के साथ भेदभाव करे जहां अमुक समुदाय निवास करता है। इसका अर्थ यह भी है कि कंपनियों को स्थानीय संस्कृति, रीति रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।’
आयोग ने कहा, ‘साथ ही यह आवश्यक है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों एवं अप्रत्यक्ष कामगारों के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ, काम का वातावरण मुहैया कराना चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, January 11, 2013, 20:50