मनी लांड्रिंग : RBI ने बैंकों के खिलाफ शुरू की जांच

मनी लांड्रिंग : RBI ने बैंकों के खिलाफ शुरू की जांच

मनी लांड्रिंग : RBI  ने बैंकों के खिलाफ शुरू की जांचनई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के मुख्यालयों और शाखाओं की व्यापक छानबीन शुरू की है। इन बैंकों पर मनी लांड्रिंग और फेमा व केवाईसी जैसे नियमनों का उल्लंघन करने का आरोप है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि यह छानबीन 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी।

केंद्रीय बैंक ने एक बयान जारी कर कहा,‘आरबीआई ने निजी क्षेत्र की तीन बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के मुख्यालय और शाखाओं की व्यापक छानबीन शुरू की है। इन सभी तीन बैंकों पर अंतिम रिपोर्ट 31 मार्च, 2013 तक पूरी हो जाएगी और इसके बाद आवश्यकता के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।’

आनलाइन पोर्टल कोबरापोस्ट द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन में इन तीन बैंकों पर मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया गया था।

रिजर्व बैंक ने कहा,‘इन बैंकों की कुछ शाखाओं में एक आनलाइन मीडिया फर्म द्वारा किए गए स्टिंग आपरेशन के आधार पर यह छानबीन शुरू की गई है। स्टिंग आपरेशन में इन बैंकों की शाखाओं में आरबीआई नियमन के कई प्रावधानों का उल्लंघन करने और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया गया है।’

रिजर्व बैंक ने आगे कहा कि विदेश विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के दिशानिर्देशों और मनी लांड्रिंग रोधी कानून के उल्लंघन के संबंध में भी आरोप लगाए गए हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मीडिया फर्म ने इन बैंकों के साथ ही आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के संबंध में इंटरनेट पर कुछ वीडियो अपलोड किए हैं।

इनके अलावा, रिजर्व बैंक ने उन बैंकों के संबंध में एक अध्ययन में शुरू किया है जो सोने के सिक्के व धन प्रबंधन उत्पादों की बिक्री में सक्रिय हैं।

वित्त मंत्रालय भी इन आरोपों की जांच कर रहा है। इस बीच, निजी क्षेत्र के इन तीन बैंकों ने स्वयं आंतरिक जांच शुरू की है। साथ ही इन बैंकों ने संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

पिछले सप्ताह कोबरापोस्ट ने निजी बैंकों के अधिकारियों की कथित वीडियो रिकार्डिंग चलाई थी जिसमें ये अधिकारी असत्यापित नकदी स्वीकारने और इसे अपनी स्कीमों एवं बेनामी खातों में जमा करने को राजी हुए थे। (एजेंसी)

First Published: Monday, March 18, 2013, 22:38

comments powered by Disqus