Last Updated: Friday, June 22, 2012, 13:38
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीकोलकाता : सिंगूर मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सिंगूर एक्ट को असंवैधानिक और अमान्य ठहराया है। कोर्ट ने यह फैसला टाटा मोटर्स के हक में दिया है। हालांकि इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है और इसके लिए सरकार को कोर्ट ने दो महीने का वक्त भी दिया है।
पश्चिम बंगाल सरकार को आज उस वक्त करारा झटका लगा जब कलकत्ता हाईकोर्ट ने सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास अधिनियम 2011 को असंवैधानिक और अमान्य करार दिया। इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने टाटा मोटर्स को पट्टे पर दी गई जमीन वापस ले ली थी।
टाटा मोटर्स लिमिटेड की ओर से दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति मृणाल कांति चौधरी ने कहा कि अधिनियम के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं ली गई और यह अमान्य तथा असंवैधानिक है। हालांकि, आदेश के लागू किए जाने पर दो सदस्यीय पीठ ने दो महीने के लिए रोक लगा दी ताकि प्रभावित पक्ष फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके।
दो सदस्यीय पीठ ने न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी की एकल पीठ के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें अधिनियम को संवैधानिक घोषित किया गया था। पीठ ने कहा कि एकल पीठ के पास विधायिका द्वारा छोड़ी गई कमियों को भरने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था। अदालत ने यह भी कहा कि सिंगूर में उस अधिनियम के जरिए भूमि का अधिग्रहण किया गया था और यह अमान्य है।
टाटा मोटर्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष चुनौती दी थी। एकल पीठ ने सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास अधिनियम, 2011 को बरकरार रखा था। इस अधिनियम के जरिए राज्य सरकार ने सिंगूर में कंपनी को पट्टे पर दी गई जमीन वापस ले ली थी। टाटा मोटर्स ने न्यायमूर्ति मुखर्जी द्वारा पिछले साल 28 सितंबर को दिए गए आदेश के खिलाफ अपील की थी।
पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार ने टाटा मोटर्स को लखटकिया नैनो कार प्रोजेक्ट के लिए यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर हुगली जिले के सिंगूर में 997 एकड़ जमीन पट्टे पर दी थी। तब विपक्ष में रही तृणमूल कांग्रेस ने परियोजना के लिए जमीन देने को अनिच्छुक किसानों को 400 एकड़ जमीन लौटाने की मांग की थी। इस बीच टाटा मोटर्स ने अपनी नैनो कार फैक्टरी को कानून व्यवस्था की समस्या का हवाला देते हुए साल 2008 में गुजरात के साणंद में स्थानांतरित कर दिया था।
मई 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में सिंगूर अधिनियम पारित करवाया था। यह उनकी सरकार का पहला बड़ा कानून था। राज्य सरकार के वकील कल्याण बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। बंदोपाध्याय तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी हैं।
First Published: Friday, June 22, 2012, 13:38