Last Updated: Thursday, June 14, 2012, 20:03
नई दिल्ली : वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मूडीज ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘स्टैगफ्लेशन’ के दौर से गुजर रही है जिसमें आर्थिक गतिविधियां घट रही होती हैं पर महंगाई दर ऊंची होती है।
मूडीज का मानना है कि ऐसी स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक के लिए ब्याज दरों में बहुत अधिक कटौती किए जाने की गुंजाइश नहीं है।
मूडीज एनेलिटिक्स के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ग्लेन लिवाई ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था स्टैगफ्लेशन के दौर में है जहां वृद्धि उल्लेखनीय रूप से कम है लेकिन मुद्रास्फीति अभी भी बहुत उपर है।
आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों के कारण थोकबिक्री मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति के मई में सालाना स्तर पर 7.5 फीसद के स्तर पर पहुंचने के बीच एजेंसी ने कहा कि इससे आरबीआई के लिए और मुश्किल पैदा हो गई है।
मूडीज ऐनेलिटिक्स ने कहा, आपूर्ति पक्ष की मुश्किलों से प्रभावित मुद्रास्फीति और मुद्रा में कमजोरी के कारण और भारत की वृद्धि की संभावनाएं कम होने के कारण हमें लगता है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है पर वह इसमें इतनी कटौती नहीं करेगा कि मुद्रास्फीति का दबाव और ऊंचा हो।
एजेंसी ने हालांकि, कहा है कि जबतक मंहगाई दर समस्या बनी हुई है भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बहुत अधिक कटौती नहीं कर सकता। आरबीआई 18 जून को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करने वाला है।
मूडीज ने कहा कि रुपए में हाल में आई कमजोरी से आयात महंगा हुआ है कीमत बढ़ी हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 14, 2012, 20:03