मानव विकास सूचकांक में केरल अव्वल - Zee News हिंदी

मानव विकास सूचकांक में केरल अव्वल

नई दिल्ली : देश के मानव विकास सूचकांक में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि स्वास्थ्य, पोषण तथा स्वच्छता का मुद्दा भारत के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लायड मैनपावर रिसर्च द्वारा तैयार मानव विकास सूचकांक रपट 2011 में यह निष्कर्ष निकाला गया है।

 

सूचकांक में उच्चतम साक्षरता दर, गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा तथा लोगों के उपभोग खर्च के आधार पर केरल को शीर्ष पर रखा गया है। इसके बाद दिल्ली को दूसरे, हिमाचल को दूसरे तथा गोवा को तीसरे स्थन पर रखा गया है।

 

इस रपट को शुक्रवार को योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने जारी किया। इस अवसर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भी उपस्थित थे। रपट में दावा किया गया है कि देश के दो तिहाई परिवार पक्के घरों में रहते हैं जबकि तीन चौथाई परिवारों को घरेलू इस्तेमाल के लिए बिजली मिल रही है।

 

रपट में कहा गया है कि भारत के मानव विकास सूचकांक में बीते दशक में प्रभावी सुधार हुआ है। सूचकांक 2007-08 में 21 प्रतिशत बढ़कर 0.467 हो गया जो 1999-2000 में 0.387 था। साथ ही इसमें रेखांकित किया गया है कि मानव विकास सूचकांक के मानकों पर छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, राजस्थान व असम अब भी पिछड़े हैं और ये 0.467 के राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं।

 

इस दौरान कुछ गरीब राज्यों ने मानव विकास सूचकांक में अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की और इनका सुधार राष्ट्रीय औसत से अधिक रहा। ऐसे राज्यों में बिहार, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा व असम है। सूचकांक में कुल सुधार में बड़ा योगदान देश भर में शिक्षा सूचकांक का है जिसमें आलोच्य अवधि में 28.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

 

रपट में कहा गया है कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान व मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में शिक्षा सूचकांक में सुधार महत्वपूर्ण हैं। रपट में स्कूली शिक्षा के समक्ष गुणवत्ता तथा रोजगारपरकता के सवालों को उठाया गया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 21, 2011, 17:41

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