Last Updated: Wednesday, March 7, 2012, 11:08
नई दिल्ली : सरकार संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक पेश करेगी ताकि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को बायोमेट्रिक आंकड़े जुटाने से जुड़े काम में मदद के लिए कानूनी शक्तियां प्रदान की जा सके। योजना आयेाग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि हम इसे बजट सत्र की बजाय संसद के मानसून सत्र में लाएंगे। आयोग इस प्राधिकारण को प्रशासनिक समर्थन दे रहा है और उसे यूआईडीएआई को कानूनी अधिकार देने के लिए एक विधेयक तैयार करने के लिए कहा गया है। प्राधिकरण फिलहाल कार्यकारी आदेश के तहत ही काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बजट सत्र में कुछ और काम करने हैं। यह कोई बड़ा फैसला नहीं है। हमें राज्यों के साथ सालाना योजना सहित दूसरी चर्चाएं करनी हैं। ऐसे में हम बहुत से काम एक साथ लेकर अपने ऊपर दबाव नहीं बनाना चाहते। इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति ने इसे खारिज किया था।
समिति ने जमीनी स्तर पर काम न होने, जरूरत से अधिक लागत और दूसरे देशों में ऐसी कोशिश विफल रहने के आधार पर इस विधेयक को खारिज कर दिया था। यूआईडीएआई से जुड़ा एक विवाद हाल ही में खत्म हुआ जिस पर योजना आयोग और गृह मंत्रालय के बीच साल भर तक तनातनी रही। गृह मंत्रालय ने यूआईडीएआई द्वारा जुटाये आंकड़ों की प्रामाणिकता पर संदेह जाहिर किया था जबकि योजना आयोग की दलील थी कि यह समावेशी विकास कार्यक्रमों के लिए जरूरी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 7, 2012, 16:38