Last Updated: Tuesday, November 22, 2011, 08:00
नई दिल्ली : विपक्ष मूल्यवृद्धि के मसले पर जहां कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है, वहीं सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि इस मोर्चे पर और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को लोकसभा में महंगाई पर खुद पहल कर बयान देते हुए कहा कि मार्च अंत तक मुद्रास्फीति 6 से 7 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी।
मुखर्जी ने कहा कि देश में महंगाई की स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है, पर इच्छित लक्ष्य को पाने के लिए आगे और कदम उठाने होंगे। उन्होंने महंगाई की मुख्य वजह मांग आपूर्ति में अंतर, रुपये के अवमूल्यन, वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम और कुछ देशों की ओर से अपनाई गई आसान मौद्रिक नीति को बताया।
मुखर्जी ने कहा कि सरकार महंगाई को स्वीकार्य स्तर पर लाने को प्रतिबद्ध है। मुझे उम्मीद है कि मार्च अंत तक यह 6 से 7 प्रतिशत के दायरे में आ जाएगी। वित्त मंत्री ने सदस्यांे से महंगाई से निपटने के उपायों पर सुझाव भी मांगे। दिसंबर, 2010 से महंगाई की दर 9 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 9.7 प्रतिशत पर थी। वहीं, खाद्य मुद्रास्फीति पांच नवंबर को समाप्त सप्ताह में 10.6 फीसद के स्तर पर थी। लोकसभा में मूल्यवृद्धि सहित तमाम मसलों पर हंगामे के बीच वित्त मंत्री का बयान रखा गया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 22, 2011, 15:30