Last Updated: Sunday, November 27, 2011, 14:56
नई दिल्ली : विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक स्तर पर जारी कठिन परिस्थितियों के बीच टाटा समूह के नए प्रमुख साइरस मिस्त्री के कंधो पर समूह के व्यवसाय को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी है।
नमक से लेकर साफ्टवेयर और इस्पात क्षेत्रों तक फैले टाटा समूह को चलाने के लिए साइरस मिस्त्री को एक साल तक रतन टाटा का सानिध्य मिलता रहेगा और इस दौरान 43 वर्षीय मिस्त्री समूह की व्यावसायिक बारीकियों से भली भांति रुबर हो चुके होंगे। कंस्ट्रक्शन कंपनी शापुर्जी पालोंजी के प्रबंध निदेशक साइरस मिस्त्री अगले साल दिसंबर में 83 अरब डालर के टाटा समूह की कमान संभालेंगे। तब तक उन्हें समूह का डिप्टी चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
दिसंबर 2010 में वह टाटा संस के चेयरमैन बन जाएंगे। रतन टाटा इस पद पर 1991 से बने हुए हैं। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस फैकल्टी कविल रामचंद्रन ने कहा मिस्त्री की नियुक्ति के बाद समूह में तुरंत किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। जो भी फेरबदल होंगे वह धीरे धीरे होंगे। उन्होंने कहा, ‘मिस्त्री के पास अभी टाटा समूह की तरह बड़े समूह को चलाने का अनुभव नहीं है, इसलिये वह नये क्षेत्रों में उलझने के लिये ज्यादा उतावले नहीं होंगे।’
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 28, 2011, 01:02