Last Updated: Friday, February 24, 2012, 13:49
नई दिल्ली : मंत्री समूह ने यूरिया क्षेत्र के लिए नई निवेश नीति को मंजूरी दी है ताकि देश को इस प्रमुख उर्वरक की आपूर्ति के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। सरकार ने 2008 में ‘नई निवेश नीति’ की घोषणा की थी ताकि यूरिया उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा सके लेकिन योजना उद्देश्यों में सफल नहीं हुई।
यूरिया की मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने 2010 में नई नीति बनाने का फैसला किया। पिछले साल योजना आयोग के सदस्य सौमित्र चौधरी की अध्यक्षता में इसके लिए सचिवों की समिति (सीओएस) का गठन किया गया। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह ने सीओएस की सिफारिशों के मुताबिक इस नीति को मंजूरी दी। नीति के मसौदे में सीओएस ने नए संयंत्र स्थापित करने और मौजूदा संयंत्रों के विस्तार के लिए प्रोत्साहन का सुझाव दिया गया है।
फिलहाल देश में 70 लाख टन यूरिया की कमी होती है जिसकी भरपाई आयात के जरिए की जाती है। घरेलू यूरिया उत्पादन लगभग 2.2 करोड़ टन है जबकि खपत 2.9 करोड़ टन होने का अनुमान है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 24, 2012, 19:19