Last Updated: Wednesday, June 20, 2012, 09:54
लॉस काबोस: भारत वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार होने पर, ऋणग्रस्त यूरो क्षेत्र को वित्तीय संकट से निपटने में मदद के वास्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को दी जाने वाली 10 अरब डालर की राशि शायद न दे।
आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा कल जी-20 सम्मेलन में 10 अरब डालर की सहायता प्रदान करने के लिए की गई घोषणा का संबंध देश के मुद्राभंडार के साथ जुड़ा है। अभी ऐसी स्थिति नहीं आयी है कि राशि का हस्तांतरण लागू हो जाए।
उन्होंने कहा, ‘यह योगदान हमारे मुद्राभंडार से जुड़ा है। यदि वैश्विक स्थिति बेहतर होती है तो भारत यह राशि शायद न दे।’ गोपालन ने कहा, ‘भारत का 10 अरब डालर का योगदान ब्रिक्स देशों द्वारा आईएमएफ को दी जाने वाली 75 अरब डालर की मदद का हिस्सा है। ब्रिक्स देशों ने आईएमएफ को दी जाने वाली अतिरिक्त 430 अरब डालर राशि में 75 अरब डालर का योगदान करने की बात कही है। इसके जरिये वित्तीय बाजारों को संदेश देना है कि जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। साथ ही बाजार में विश्वास और शांति को बहाल करना है।’
सिंह ने कल कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ के अतिरिक्त 430 अरब डालर की मदद राशि में भारत ने 10 अरब डालर का योगदान करने का निर्णय किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 20, 2012, 09:54