`राजकोषीय घाटा 5.3% की सीमा में रखने को प्रतिबद्ध`

`राजकोषीय घाटा 5.3% की सीमा में रखने को प्रतिबद्ध`

`राजकोषीय घाटा 5.3% की सीमा में रखने को प्रतिबद्ध`नई दिल्ली : आर्थिक सुस्ती से चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि बड़ी परियोजनाओं को जल्द मंजूरी देने सहित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और सरकार राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.3 प्रतिशत के दायरे में रखने के लिये प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने यहां राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि पिछले दो साल में भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी पड़ी है और इसे देखते हुये चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि आठ प्रतिशत की औसत वृद्धि से काफी कम रहेगी। पिछले दो दशक के दौरान औसतन आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

उन्होंने कहा,‘इस आर्थिक सुस्ती की वजह देश के भीतर और बाहर दोनों तरह की रही है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम इस रुझान को फिर से तेजी की तरफ लौटाने के लिये हर संभव प्रयास करें और सरकार ने हाल के महीनों में वृद्धि और निवेश गतिविधियां बढ़ाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ संयोजित प्रयास किए हैं।’

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहेगी। पिछले साल आर्थिक वृद्धि 6.2 प्रतिशत रही। हालांकि, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2012-13 के दौरान 5.5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि रहने की उम्मीद जताई है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 12, 2013, 21:23

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