राजस्व विभाग कर रहा जेट-एतिहाद सौदे की जांच

राजस्व विभाग कर रहा जेट-एतिहाद सौदे की जांच

राजस्व विभाग कर रहा जेट-एतिहाद सौदे की जांचनई दिल्ली : राजस्व विभाग प्रस्तावित 2,058 करोड़ रुपये के जेट-एतिहाद सौदे की गहनता से जांच कर रहा है ताकि इसके लाभ ‘लाभप्रद स्वामियों’ की पहचान हो सके और यह पता चल सके कि कहीं इस सौदे का ढांचा कर चोरी करने के मकसद से तो नहीं तैयार किया गया है।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, राजस्व विभाग जेट एतिहाद सौदे में ‘लाभप्रद स्वामित्व’ संबंधी उपबंधों की पड़ताल कर रहा है। विभाग को सौदे की कर जटिलताओं को देखना होगा और यह देखना होगा कि इसका उद्येश्य कहीं कर से बचना तो नहीं है। लाभप्रद स्वामित्व वाले व्यक्ति को सम्पत्ति किसी अन्य के नाम होने पर भी लाभ प्राप्त करने का हक होता है।

वित्त मंत्रालय नयी कंपनी के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में पहले ही और स्पष्टीकरण मांग चुका है और उसने बाजार नियामक सेबी को स्वामित्व ढांचे पर एक रिपोर्ट देने को कहा है। अधिकारी का दावा है, जेट द्वारा सौंपे गए शेयरधारक समझौते व प्रशासन समझौते के मुताबिक, इस एयरलाइन का अंतिम स्वामित्व विदेशी हाथों में चला जाएगा। उल्लेखनीय है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने पिछले महीने इस सौदे पर निर्णय टाल दिया था और नियंत्रण व स्वामित्व के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था। भारतीय विमानन क्षेत्र में यह सबसे बड़ा विदेशी निवेश प्रस्ताव है।

उसने कहा, एफआईपीबी ने जेट से संशोधित ढांचा उपलब्ध कराने को कहा है जिसमें उसे यह स्पष्ट करना होगा कि सौदे के बाद कंपनी पर भारतीय कानून के मुताबिक किसी भारतीय का ही नियंत्रण होगा। सूत्रों ने कहा कि इस सौदे के बाद इस एयरलाइन में जेट चेयरमैन नरेश गोयल द्वारा एनआरआई के रूप में किए गए निवेश सहित कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 88.57 प्रतिशत होगा।

उल्लेखनीय है कि एफआईपीबी ने औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) से विमानन क्षेत्र में एफडीआई नीति पर स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि क्या नागर विमानन में 49 प्रतिशत एफडीआई की सीमा में एनआरआई निवेश शामिल है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने दो जुलाई को इस मामले में एक स्पष्टीकरण जारी किया था। इससे पहले भाजपा के नेता जसवंत सिंह , भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के गुरदास दास गुप्ता, त्रिणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी और जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमणियम स्वामी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अलग अलग पत्र लिख कर इस सौदे पर सवाल खड़े किए थे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इनके आरोपों को खारिज किया है। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 15, 2013, 18:00

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